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प्रादेशिक

पुत्री के जन्म पर कम देखने को मिलती है ऐसी खुशी

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कन्या रत्न की पैदाइश पर अफसोस, बस्ती जनपद के प्रतिष्ठित व्यवसायी प्रमोद गाडिया, पुत्र उत्सव गाडिया

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बस्‍ती। वैसे तो भारतीय समाज में कन्‍या रत्‍न की पैदाइश पर अफसोस करने की बातें अक्‍सर सामने आती रही हैं लेकिन पिछले कुछ समय से महिलाओं की हर क्षेत्र में सशक्‍त उपस्थिति ने इस धारणा को कमजोर किया है कि लड़कियां मां-बाप के लिए बोझ होती हैं।

कन्या रत्न की पैदाइश पर अफसोस, बस्ती जनपद के प्रतिष्ठित व्यवसायी प्रमोद गाडिया, पुत्र उत्सव गाडिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान ने भी समाज को इस क्षेत्र में जागृत करने का काम किया है लेकिन समाज सही मायनों में तभी जागृत होता है जब उसके आस-पास रहने वाले वो लोग जिनका समाज में लोग उदाहरण देते हैं या अनुकरण करते हैं, वो कुछ ऐसा कार्य करते हैं।

इसी क्रम में बस्‍ती जनपद के प्रतिष्ठित व्‍यवसायी प्रमोद गाडिया के परिवार में जब एक पुत्री रत्‍न ने जन्‍म लिया और उन्‍होंने इसकी खुशी धूमधाम से मनाई तो लोगों को लगा कि कन्‍या अब किसी मायने में पुत्र से कम नहीं है। उसके जन्‍म पर भी वो सारी खुशियां मनाई जानी चाहिए जो एक पुत्र के पैदा होने पर मनाई जाती हैं।

समाज में अपनी सेवा भावना व मृदुल व्‍यवहार के कारण चर्चित रोटैरियन प्रमोद गाडिया के पुत्र उत्‍सव गाडिया जब एक पुत्री के पिता बने तो उन्‍होंने इस अवसर को एक भव्‍य आयोजन में बदल दिया। पुत्री की पैदाइश पर प्रमोद गाडिया ने ऐसा भव्‍य उत्‍सव मनाया कि लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए कि पुत्री के जन्‍म पर भी इसी तरह की खुशी मनाई जानी चाहिए।

प्रमोद गाडिया ने बताया कि पुत्री के जन्‍म पर इस तरह से भव्‍य आयोजन करने की प्रेरणा मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान से मिली। मुझे लगा कि आज समाज को जागृत करने का यह एक तरीका हो सकता है कि हमें बेटा और बेटी में कोई भेद नहीं करना चाहिए क्‍योंकि आज समाज का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें बेटियों ने सफलता के झंडे न गाड़े हों।

स्‍टेशन रोड स्थित प्रमोद गाडिया के पैतृक आवास पर इस भव्‍य आयोजन में शहर के लगभग सभी गणमान्‍य ना‍‍गरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। लोगों ने प्रमोद गाडिया के इस जज्‍बे की सराहना करते हुए नवजात कन्‍या को अपने आर्शीवचनों से अभिसिंचित किया।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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