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अन्तर्राष्ट्रीय

सैन्य अदालत द्वारा मलाला संबंधित मामले की सुनवाई

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इस्लामाबाद| नोबेल पुरस्कार विजेता और बाल अधिकारों की मुहिम चलाने वाली मलाला युसफजई पर 2012 में हुए हमले के संबंध में सुनवाई पेशावर स्थित सैन्य अदालत में होगी। त्वरित सुनवाई के लिए औपचारिक रूप से इस अदालत का गठन किया जाएगा। डॉन ऑनलाइन में बुधवार को प्रकाशित खबरों के अनुसार, पाकिस्तान की संघीय सरकार ने त्वरित सुनवाई के लिए इस मामले को सैन्य अदालत को हस्तांतरित करने का फैसला किया है।

सरकार के एक सूत्र ने बताया, “कानून मंत्रालय के विशेषज्ञ इस संबंध में औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं। यह मामला जल्द आतंकवाद रोधी अदालत से सैन्य अदालत को सौंप दिया जाएगा।”

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने 2012 में मलाला पर उस वक्त हमला किया था, जब वह स्वात घाटी में अपने स्कूल से लौट रही थी। उसे उपचार के लिए ब्रिटेन ले जाया गया, जहां उसकी जान बच गई।

नागा पर्बत पर जून 2013 में पर्वतारोहियों पर किए गए हमले से संबंधित मामले को भी सैन्य अदालत को सौंपा जाएगा। इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई थी।

 

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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