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लाइफ स्टाइल

डॉक्टर से लेनी है एडवाइज, ‘वीहेल्थ बाई एटना’ एप का करें इस्तेमाल

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नई दिल्ली। अग्रणी स्वास्थ्व सेवा प्रदाता ‘एटना इंटरनेशनल’ ने भारत में अपनी स्वास्थ्य सेवा ‘वीहेल्थ बाई एटना’ लांच कर दी। एटना इस सेवा के तहत मरीजों को मोबाइल एप के जरिए डॉक्टरों से एडवाइज लेने की सुविधा देगी। इसमें वीडियो कॉल या टेलीफोन कॉल के जरिए चिकित्सक के साथ बातचीत की जा सकती है। कंपनी ने वर्ष 2020 तक 40 लाख लोगों तक अपनी स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।

भारत में एटना इंटरनेशनल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ‘इंडियन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ (आईएचओ) ने 300 करोड़ रुपये का निवेश करते हुए 2020 तक 40 लाख सदस्यों से जुडऩे का लक्ष्य रखा है।

‘वीहेल्थ बाई एटना’ एप का इस्तेमाल कर मरीजों को बार-बार अस्पताल जाने की समस्या से निजात मिलेगी और इस एप में उनके सारे स्वास्थ्य दस्तावेज भी सुरक्षित रखे जा सकेंगे।

भारत में ‘वीहेल्थ बाई एटना’ चार सदस्यों वाले परिवार के लिए 2400 रुपये के सालाना खर्च पर उपलब्ध होगी।

एटना इंटरनेशनल में पॉपुलेशन हेल्थ के अध्यक्ष स्नेह खेमका ने कहा, “यह सदस्यों को प्राथमिक देखभाल से संबंधित असीमित परामर्श में सक्षम बनाएगी, जिसमें गंभीर स्थिति से निपटने, मामूली रोगों के उपचार, वैकल्पिक उपचार विकल्पों पर सलाह, जांच रिपोर्टों का अर्थ जानने और स्वस्थ रहने के लिए मार्गदर्शन जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। डायग्नोस्टिक टेस्ट सदस्य के घर पर ही किए जा सकेंगे और इसकी रिपोर्ट भी उनके घर पहुंचाई जा सकेगी।”

इंडियन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और एटना इंडिया के प्रबंध निदेशक मानसीज मिश्रा ने कहा, “हमारे चिकित्सक प्रशिक्षित हैं और स्विस टेली-मेडिसिन मानकों के तहत मान्यता प्राप्त हैं। वे 15 वर्षो से टेली-मेडिसिन में स्विस बाजार दिग्गज मेडगेट ए. जी. द्वारा तैयार विशेष क्लीनिकल प्रोटोकॉल पर अमल करते हैं। भारत को ध्यान में रखकर तैयार किए गए ये प्रोटोकॉल चिकित्सकों को प्रमाण-आधारित जांच एवं देखभाल सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाते हैं।”

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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