अन्तर्राष्ट्रीय
मैक्रों ने ट्रंप से हाथ मिलाने में तनाव के झलकने की वजह बताई
पेरिस, 29 मई (आईएएनएस)| फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों का कहना है कि उनके द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जरूरत से ज्यादा देर तक हाथ मिलाते रहने का गहन महत्व है। मैक्रों ने ब्रसेल्स में ट्रंप से काफी देर तक हाथ मिलाया और इस दौरान साफ लगा कि सब कुछ सहज नहीं है।
मैक्रों ने जर्नल डू डिमांशे को दिए साक्षात्कार में बताया, उनके (ट्रंप) साथ मेरा हाथ मिलाना निश्छल नहीं था।
सीएनएन ने मैक्रों के साक्षात्कार के हवाले से बताया, यह राजनीति का अल्फा या ओमेगा (शुरुआत या अंत) नहीं है बल्कि सच्चाई का पल है।
दोनों नेताओं के बीच 25 मई को नाटो सम्मेलन से इतर मुलाकात हुई थी और दोनों ने प्रेस के सामने देर तक हाथ मिलाया था।
मैक्रों ने इसे अपनी नेतृत्व से जुड़ी भाव भंगिमा से जोड़ा।
मैक्रों ने कहा, हमें यह दिखाना चाहिए कि हम छोटी-छोटी रियायतें नहीं करेंगे, प्रतीकात्मक भी नहीं।
मैक्रों ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर ट्रंप के राजनयिक रुख का भी जिक्र किया।
मैक्रों ने कहा, डोनाल्ड ट्रंप, तुर्की के राष्ट्रपति और रूस के राष्ट्रपति सत्ता संबंधी मानसिकता से ग्रस्त हैं, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं सार्वजनिक दोषारोपण की कूटनीति में विश्वास नहीं रखता बल्कि द्विपक्षीय वार्ता में विश्वास करता हूं। किसी भी चीज को यूं ही नहीं जाने दूंगा। इसी तरह से कोई अपने लिए सम्मान हासिल कर सकता है।
मैक्रों ने यह कहते हुए साक्षात्कार समाप्त किया कि उन्हें विश्वास है कि वह ट्रंप के साथ ‘सौहार्दपूर्ण संबंध’ स्थापित कर सकते हैं।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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