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प्रादेशिक

सपा चिंतक दीपक ने रामगोपाल पर फोड़ा लेटर बम, चुनाव में हार के लिए बताया जिम्मेदार

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लखनऊ। समाजवादी चिन्तक और समाजवादी चिन्तन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव पर लेटर बम फोड़ा है। उन्होंने यूपी चुनाव में सपा की करारी हार के लिए रामगोपाल को सर्वाधिक जिम्मेदार बताया है।

समाजवादी चिन्तक दीपक मिश्र ने रामगोपाल यादव की एकाधिकारवादी सोच व कार्यप्रणाली को आत्मघाती करार दिया और कहा कि रामगोपाल प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं की जगह पूंजीवादी लोगों को अधिक तरजीह दी। उन्होंने समाजवादी विचारधारा व पार्टी के स्वभाविक प्रवाह को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। रविवार को लिए पत्र में सपा नेता दीपक ने रामगोपाल पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव को भरमाने और नैतिक तकाजों को ध्वस्त करने का भी आरोप लगाया। दीपक मिश्र ने कहा कि पार्टी को एक करने का प्रयास होना चाहिए। समाजवादी विचारों पर चलते हुए सतत् संघर्ष कर ही सपा दोबारा सत्ता पर वापस आ सकती है, बैसाखी के बल पर नहीं। मुलायम-शिवपाल समेत मूल कार्यकर्ताओं का अपमान व उपेक्षा बंद होना चाहिए।

अपने पत्र में दीपक ने कहा, ‘यही कारण है आज समाजवादी पार्टी विचार जगत में उस मुकाम पर नहीं है जहां कभी थी या जहां होना चाहिए। चुनाव के दौरान सपा के किसी भी व्यक्ति ने कभी नहीं कहा कि अखिलेश सीएम नहीं होंगे फिर भी कुछ मूढ़ चिल्लाते रहे कि “चेहरा घोषित करो-चेहरा घोषित करो”। बेवजह भ्रम फैलता रहा और आपने भ्रम के स्याह अंधेरे के मध्य ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे परिस्थितियां सुधरे। यदि आप बड़े होने का दायित्व ब?प्पन के साथ निभाते तो तस्वीर इतनी वीभत्स न होती। अपनी समाजवादी पार्टी की इतनी बुरी पराजय नहीं होती।’

पत्र में उन्होंने कहा कि आज पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं के ऊपर आप द्वारा पोषित व संरक्षित दल-बदल की विधा के सिद्धपुरूष नरेश अग्रवाल व किरणमय नंदा सदृश पूंजीपतियों का एक “गिरोह” काबिज हो चुका है जिसके कारण कार्यकर्ताओं का बड़ा समूह अपने भविष्य को लेकर सशंकित व उदासीन है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कई स्टार प्रचारक राममनोहर लोहिया व समाजवाद का नाम लेकर सपा पर प्रहार-दर-प्रहार करते रहे, आपने एक बार भी उनका प्रत्युत्तर नहीं दिया।

यही नहीं दीपक मिश्र ने साफ-साफ कहा कि नेताजी व शिवपाल की उपेक्षा एवं आपकी हठधर्मिता की कीमत सभी चुका रहे हैं। पार्टी को एक करने का प्रयास शुरू करें, अपमान सहकर भी आपके पीछे खड़ा रहूंगा। दूसरा “मुलायम” व दूसरा “शिवपाल” बनाने में पार्टी को कम से कम चालीस साल लगेंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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