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विरोध के स्वर को दबाने में लगी है सरकार : सोनिया

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नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को मोदी सरकार पर विरोध के स्वर को कुचलने और अलग तरह के विचारों को दबाने के लिए राजसत्ता का इस्तेमाल करने तथा विभाजनकारी मुद्दों को हवा देने का आरोप लगाया। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि अलग धर्म व आस्था को मानने वाले लोगों की आजीविका व खानपान पर हमला किया जा रहा है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि चाहे वह राजनीतिज्ञ हों, संस्थान, छात्र, नागरिक समाज या मीडिया हो, असहिष्णुता तथा अलग विचारों को दबाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जो देश के कानून का घोर उल्लंघन है।

सोनिया ने कहा, भीड़ द्वारा लोगों को मौत के घाट उतारने की घटनाओं में इजाफा होना गंभीर चिंता की बात है। इन घटनाओं को अंजाम देने वाली भीड़ तथा सत्ताधारी सरकार में वैचारिक समानता है। उन्होंने कहा कि दलित, जनजातीय समुदाय, अल्पसंख्यक तथा अन्य दबे-कुचले लोग बुरे वक्त का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल उससे अलग मत रखने वाले लोगों को दबाने के लिए कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि न्यायपालिका की अहमियत को कम करने का सुनियोजित प्रयास हो रहा है और विरोध के स्वर को दबाया जा रहा है। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, सत्ता से नजदीकी रखने वाले लोगों की संपत्ति व प्रभाव में पिछले तीन में साल में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी देखी गई या फिर वे कानून से बचकर देश छोड़ने में कामयाब रहे।

सोनिया ने कहा कि सरकार प्रतिगामी व संकीर्ण सोच को बढ़ावा दे रही है। मोदी सरकार के तीन साल के दौरान सौहार्द की जगह कलह ने ले ली है।

सोनिया ने कहा, जहां समरसता थी, वहां कलह है। जहां सहिष्णुता थी, वहां उकसावा है। जहां सापेक्ष शांति थी, जैसे कश्मीर में, वहां झड़प, तनाव व डर में इजाफा हुआ है। जहां आर्थिक संभावना थी, वहां गतिहीनता है। जहां समृद्ध विविधता थी, वहां पूरे देश को प्रतिगामी व संकीर्ण विश्व नजरिये में ढकेलने का अभियान चल रहा है।

सोनिया ने कहा कि सरकार की मेक इन इंडिया पहल रोजगारों का सृजन करने तथा निवेश को आकर्षित करने में नाकाम रही है और बेरोजगरी तेजी से बढ़ी है।

उन्होंने कहा, देश भर में किसान अत्यंत तनाव में हैं, जिसके कारण उन्हें खुदकुशी करनी पड़ रही है। घोषणा पत्र में किए गए जिन वादों को 2019 तक पूरा करना था, उन्हें अब 2022 तक पूरा करने की बात कही जा रही है।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी कार्यसमिति की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि विरोध के स्वरों को कुचलने के लिए सरकारी मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है।

उन्होंने पिछले तीन वर्षो में सरकार के प्रदर्शन पर निशाना साधा और उसे ‘टीवी पर हीरो और जमीनी रूप से जीरो’ करार दिया और कहा कि सरकार युवाओं और किसानों सहित विभिन्न वर्गो के लिए अपने वादे पूरा करने में नाकाम रही है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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