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अन्तर्राष्ट्रीय

लंदन अग्निकांड : पीड़ितों की मदद लिए कर्मचारी तैनात

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लंदन, 18 जून (आईएएनएस)| ग्रेनफेल टॉवर अग्निकांड में केनसिंग्टन एवं चेल्सी बोरो काउंसिल की आलोचना के बाद पीड़ितों की मदद के लिए सरकारी कर्मचारियों की टीम का गठन किया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, निवासियों द्वारा कोई सहायता या अधिकारियों से सूचना नहीं मिलने की शिकायत के बाद प्रशासनिक कर्मचारियों के एक दल को काउंसिल कार्यालय में शामिल किया गया है।

माना जा रहा है कि अग्निकांड में कम से कम 58 लोगों की मौत हुई है। 30 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं।

काउंसिल ने कहा कि वह सरकारी जांच में पूरा सहयोग करेगी।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 मंजिला टॉवर को बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन इसमें कई सप्ताह लगेंगे।

परिषद के नेता निकोलस पगेट-ब्राउन ने कहा कि टॉवर में भयावह प्राणघातक आग तेजी से कैसे फैली, इसका उत्तर तलाशा जाएगा।

इस बीच गृह कार्यालय ने कहा कि अग्निकांड में मारे गए एक सीरियाई व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए उसके परिवार को सीरिया से ब्रिटेन लाने का इंतजाम किया जा रहा है।

सिविल इंजीनियर छात्र मोहम्मद अलहाजली (23) पहले ऐसे व्यक्ति थे जिनकी शिनाख्त इस अग्निकांड में जान गंवाने वाले के रूप में की गई थी।

केनसिंग्टन और चेल्सी काउंसिल के आपदा से निपटने के तरीकों की आलोचना के बाद पगेट ब्राउन ने कहा कि इससे सबक सीखे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि वह भयंकर आग और जीवन की हानि से दुखी हैं।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने शनिवार को स्वीकार किया कि भयावह आपदा में परिवारों को सहायता व प्रारंभिक सूचनाएं पर्याप्त रूप से नहीं दी जा सकीं।

आग में फंसे निवासियों ने शुरू में किए राहत प्रयासों को पूरी तौर पर अराजक बताया था।

थेरेसा मे ने कहा कि काउंसिल की फोन लाइन को कर्मचारियों द्वारा सही तरीके से देखा जाना चाहिए और यहां ज्यादा कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।

मे ने कहा कि कुछ दिनों में सार्वजनिक जांच के लिए एक न्यायाधीश के नाम की घोषणा किए जाने की उम्मीद है। समिति जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपेगी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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