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कपड़ा उद्योग में निवेश बढ़ाने में जुटे मोदी के 7 केंद्रीय मंत्री

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गांधीनगर, 2 जुलाई (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कपड़ा उद्योग में विदेशी निवेश बढ़ाने और घरेलू कपड़ा उत्पादकों को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सात केंद्रीय मंत्रियों को सौंपी है।

प्रधानमंत्री ने साथ ही मंत्रियों से कपड़ा उद्योग के क्षेत्र में नौकरियों के सृजन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी कहा।

टेक्सटाइल्स इंडिया-2017 समारोह के आखिरी दिन रविवार को सात केंद्रीय मंत्रियों – एम. वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, निर्मला सीतारमण, राधामोहन सिंह, महेश शर्मा और राजीव प्रताप रुडी – ने हिस्सा लिया।

केंद्रीय मंत्रियों ने समारोह के विभिन्न सत्रों को संबोधित किया और घरेलू कपड़ा उत्पादकों से प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का समर्थन करने और उसमें मदद देने का आग्रह किया।

मंत्रियों ने बताया कि सरकार कपड़ा उद्योग के विभिन्न सेक्टरों के आधुनिकीकरण पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार कपड़ा उद्योग के क्षेत्र में ज्यादा नौकरियों के सृजन के लिए कौशल विकास की दिशा में भी काम कर रही है।

तीन दिवसीय समारोह का उद्घाटन 30 जून को खुद प्रधानमंत्री ने किया और रविवार को समापन सत्र को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एकमात्र प्रकाशमान जगह है और सबसे लाभकारी गंतव्य के रूप में उभरा है। भारतीयों और विदेशी निवेशकों के लिए इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं इंतजार कर रही हैं।

नायडू ने कहा, कपड़ा उद्योग ने..सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में अत्यधिक योगदान दिया है। कपड़ा उद्योग कृषि और उद्योग दोनों से जुड़ा हुआ है। देश के कुल निर्माण में कपड़ा उद्योग का योगदान 10 फीसदी है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में जीयो-टेक्सटाइल कपड़ों का नए तरीके से इस्तेमाल बेहद अहम है तथा सरकार और इंजिनीयरिंग संस्थान इस दिशा में संशोधनों को बढ़ावा देने और उन्हें प्रायोजित करने के लिए हमेशा तैयार हैं।

वहीं कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए प्राकृतिक रेशा उत्पादन क्षेत्र का संपूर्ण विकास बेहद जरूरी है।

राधा मोहन ने यहां आयोजित टेक्सटाइल इंडिया समारोह में कहा, प्राकृतिक रेशा भारतीय वस्त्र उद्योग की रीढ़ है। यह रेशा उद्योग में 60 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखता है। कृषि उद्योग के पश्चात भारतीय वस्त्र उद्योग लाखों लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है। भारत में 30 लाख किसान प्राकृतिक रेशों के उत्पादन में शामिल हैं।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सीतारमण ने कपड़ा उद्योग के समक्ष चुनौतियों का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, स्वदेशी कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों के हितों की रक्षा के क्षेत्रों को बढ़ावा देने की जरूरत है, क्योंकि वे देश के कपड़ा उद्योग को अनूठी पहचान प्रदान करते हैं। कृत्रिम रेशों की मांग को पूरा करने के लिए उद्योग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बीच इन क्षेत्रों से ध्यान हट गया है और इसे बढ़ावा देने की जरूरत है।

अनंत कुमार ने कहा कि भारतीय कपड़ा उद्योग की विविधता को बनाए रखने की जरूरत है।

अनंत कुमार ने कहा, भारत दुनिया में सर्वाधिक कॉटन का उत्पादन करने वाला देश है, हालांकि विश्व स्तर पर या तो कॉटन का उत्पादन घट रहा है या रुका हुआ है। कृत्रिम रेशे कपड़ा उद्योग का भविष्य हैं और कॉटन पर अत्यधिक निर्भरता के चलते किसानों और प्रकृति पर बोझ बढ़ेगा। पर्यावरण के अनुकूल कृत्रिम रेशों का उत्पादन भारतीय कपड़ा बाजार के विकास में मददगार हो सकती है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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