प्रादेशिक
समाज के भयावह व्यवहार की शिकार हैं महिलाएं
जयपुर| महिलाओं के दमन जैसे मुद्दों को जहां विशेष तवज्जो दिए जाने और उन पर सार्वजनिक बहस शुरू करने की जरूरत है, वहीं हमारे देश में विवादित मुद्दों को कहीं ज्यादा तवज्जो दी जाती है। बिक्री का रिकॉर्ड तोड़ चुकी पुस्तक के प्रख्यात लेखक अमिश त्रिपाठी ने ये बातें कही।
त्रिपाठी धर्म पर लिखते समय ‘विषय के भावनात्मक पहलुओं’ का ध्यान रखते हैं और अनावश्यक विवाद खड़ा करने से बचते हैं।
त्रिपाठी ने जयपुर में चल रहे साहित्योत्सव से अलग दिए साक्षात्कार में कहा, “कृपया मुझे गलत मत समझिए..लेकिन मुझे डर है कि हम उन असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित नहीं करते जिनके बारे में कई बार मैं बोल चुका हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा समाज महिलाओं के साथ दमनकारी व्यवहार कर रहा है। मैं सिर्फ बलात्कार तक ही नहीं, बल्कि भ्रूण हत्या और व्यवस्थित कुपोषण के जरिए बड़े पैमाने पर हत्या के बारे में भी बात कर रहा हूं।”
धर्म किसी भी देश में संवेदनशील विषय है, लेकिन त्रिपाठी शिव पर लिखी अपनी तीनों पुस्तकों में विवाद में फंसे बगैर सफलतापूर्वक मिथकों को फिर से कहानी में पिरोने में सफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इमानदारी से..95 फीसदी विवादास्पद बातें पैदा की जाती हैं और वे वास्तविक विवाद नहीं होते। वे इस उम्मीद के साथ पैदा की जाती हैं कि इससे किताब को बेचने में, सिनेमा या अन्य चीजों को प्रचार मिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “यदि आप एक ऐसी स्थिति में लिख रहे हैं जहां आपका दिल आदर के साथ विषय तक पहुंचता है तो वह आपके काम में भी दिखेगा और यह भी पता चलेगा कि आपका विश्वास कितना है।”
त्रिपाठी (40) ने जयपुर साहित्योत्सव में घोषणा की कि उनकी किताबों की नई श्रंखला भगवान राम पर होगी इसकी कड़ी में पहली ‘इक्ष्वाकु वंश’ अक्टूबर में जारी होगी।
बैंकर से लेखक बने त्रिपाठी के अनुसार उन्होंने अपने प्रकाशक (वेस्टलैंड) के साथ 2013 में सौदा किया था लेकिन विषय के बारे में भगवान राम के बारे में महिला साहित्योत्सव में बोलने तक तय नहीं थे।
‘मेलुहा के मृत्युंजय’, ‘नागाओं का रहस्य’ और ‘वायुपुत्रों की शपथ’ पुस्तकों के लेखक त्रिपाठी ने कहा, “जिस तरह से लड़की ने भगवान राम के बारे में बात कही उसने मुझे गहरे आहत कर दिया। और इसी कारण से मैंने इस विषय पर लिखने का फैसला किया।”
उन्होंने कहा, “मैं उनपर अखंड रूप से और पूर्ण रूप से दृष्टिपात करना चाहूंगा। खास तौर से सभी भारतीय उनसे प्रेम करते हैं और उनका आदर करते हैं जिसे ‘राम राज्य’ के नाम से जाना जाता है, लेकिन मुझे हैरत है कि कितने लोग वास्तव में पूर्ण रूप से विचार करते हैं ‘राम राज्य’ है क्या? मैं इसी विषय पर लिखना चाहता हूं कि राम ने किस तरह समाज खड़ा किया था।”
लेकिन राम और शिव की विशेषताएं भिन्न नहीं हैं क्या? यदि शिव के स्फूर्त व्यक्तित्व में कई परतें खोजी जा चुकी हैं तो राम का चरित्र किसी इंद्रधनुष में नहीं छिपा है।
उन्होंने कहा, “भगवान राम के जरिए हम यह सीख सकते हैं कि यह नियमों के अनुपालन के लिए उत्कृष्ट हैं। और मैं समझता हूं कि यह कुछ ऐसा है कि आधुनिक भारतीयों को शिक्षा लेने के लिए अध्ययन करना चाहिए।”
त्रिपाठी खुद को ‘मिथकों के पुनव्र्याख्याता’ के रूप में मान लिया जाना पसंद नहीं करते। उन्होंने कहा मिथक और अन्य ऐसी कहानियां भारत में 1000 से ज्यादा समय से लोकप्रिय हैं, लेकिन मुख्यधारा के प्रकाशकों ने इस पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
-
उत्तराखंड2 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड2 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
राजनीति2 days ago
महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें
-
प्रादेशिक2 days ago
यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
-
मध्य प्रदेश2 days ago
24 से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी प्रवास पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, प्रदेश में निवेश लाना है मकसद
-
अन्य राज्य2 days ago
महाराष्ट्र और झारखंड में वोटिंग करने के लिए पीएम मोदी ने की खास अपील
-
प्रादेशिक2 days ago
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार
-
बिहार2 days ago
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निकालेंगे महिला संवाद यात्रा, 225 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव