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कपड़ों पर शून्य जीएसटी की मांग अस्वीकार्य : जेटली
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि कपड़ा व्यापारियों की कपड़ों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट देने की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके बाद रेडीमेड वस्त्र निर्माता लागत कर का लाभ नहीं उठा पाएंगे। जेटली ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, कपड़ा उद्योग पर जीएसटी की दरों के बारे में जीएसटी परिषद में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। कपड़ों पर शून्य जीएसटी से इनपुट क्रेडिट की श्रृंखला प्रभावित होगी और वस्त्र निर्माता पिछले चरण पर चुकाए गए कर का क्रेडिट हासिल नहीं कर पाएंगे।
जेटली ने कहा कि कपड़ों पर शून्य जीएसटी से आयातित वस्त्रों पर जीएसटी की दर शून्य हो जाएगी, जबकि घरेलू वस्त्र निर्माताओं को इनपुट कर का बोझ उठाना पड़ेगा।
वहीं, कपड़ा उद्योग आयातित कपड़ों पर शून्य रेटिंग की मांग कर रहा है और कह रहा है कि इस क्षेत्र से कभी कर नहीं वसूला गया।
कपड़ा उद्योग का कहना है कि कर की दर और अनुपालन लागत के चलते जीएसटी के तहत कपड़ा 10-12 फीसदी महंगा हो जाएगा, जिससे भारतीय वस्त्र उद्योग विश्व स्तर पर अप्रतिस्पर्धी हो जाएगा।
जेटली ने कहा, यह सही नहीं है कि वस्त्रों पर स्वतंत्र भारत में कभी कर नहीं लगाया गया था। वास्तव में वित्त वर्ष 2003-04 के दौरान इस क्षेत्र को केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अधीन किया गया था।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि जीएसटी की दरें इससे पहले के करों के बराबर या कम हैं और इससे कपड़े की कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं है।
जीएसटी के तहत जिन कपड़ों की कीमत 1,000 रुपये प्रति पीस से अधिक नहीं है, उसपर कर की दर पांच फीसदी रखी गई, जबकि 1000 रुपये प्रति पीस से अधिक मूल्य वाले कपड़ों पर कर की दर 12 फीसदी रखी गई है।
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उद्धव ठाकरे का बैग चेक करने पर बोला चुनाव आयोग- SOP के तहत हुई चेकिंग, नियम सबके लिए समान
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के एयरपोर्ट पर बैग चेक होने के मामले में अब चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिकिया दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि एजेंसियां SOP का पालन कर रही हैं और उसी के तहत उद्धव के हेलिकॉप्टर की चेकिंग की जा रही है।
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सभी उम्मीदवारों के लिए समान नियम लागू हैं। इसलिए तलाशी की गई। चुनाव आयोग ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है और आदर्श आचार संहिता के तहत की जाती है।
बता दें कि एयरपोर्ट पर चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा अपना बैग चेक करने पर उद्धव भड़क गए हैं। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जब सोमवार को यवतमाल पहुंचे, तो उनके बैग की रूटीन चेकिंग की गई। उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका बैग तो चेक किया जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह के बैग क्यों नहीं चेक होते?
उद्धव ने अधिकारियों से कहा कि आप लोग मेरा बैग तो चेक करो लेकि जब पीएम मोदी और दूसरे नेता तो उनका बैग चेक करने बजाय अपनी ‘पूंछ’ नहीं झुका लेना। जो भी जांच करनी है, बिना किसी दबाव के करनी चाहिए। उद्धव ने कहा कि जांच करने का तरीका सभी के लिए एक समान होना चाहिए, चाहे वह कोई भी नेता हो। उद्धव ने यह भी कहा कि वह इस वीडियो को जारी करेंगे और लोगों को बताएंगे कि जांच किस तरह होनी चाहिए।
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