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बिजनेस

दूध, दूध उत्पादों के लिए गुणवत्ता का ‘लोगो’ लांच

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नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने गुरुवार को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के गुणवत्ता वाले ‘लोगो’ का शुभारंभ किया, जो डेयरी सहकारी समितियों के सुरक्षित और गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पादों को दर्शाएगा।

कृषि मंत्री ने कहा, एनडीडीबी गुणवत्ता ‘लोगो’ एक समूह के ब्रांड पहचान के रूप में शुभारंभ कर रहा है। यह ‘लोगो’ डेरी सहकारिताओं तथा उत्पादक संस्थाओं से सुरक्षित एवं गुणवत्ता दूध एवं दूध उत्पादों का द्योतक है। यह उपभोक्ताओं की इस मान्यता को मजबूती प्रदान करता है कि गुणवत्ता लोगो अच्छी गुणवत्ता का पर्याय है।

सिंह ने कहा, एनडीडीबी के गुणवत्ता चिह्न् से डेरी सहकारिताओं तथा उत्पादक संस्थाओं को अति आवश्यक ब्रांड पहचान तथा प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी। इससे डेरी सहकारी ब्रांडों पर उपभोक्ता के विश्वास को मजबूती मिलेगी। इसका उद्देश्य उत्पादक से उपभोक्ता तक संपूर्ण वैल्यू चेन में प्रक्रियात्मक सुधार लाना है, ताकि गुणवत्ता दूध व दूध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

कृषि मंत्री ने बताया, ग्यारह सदस्यीय प्रबंध समिति इस गुणवत्ता चिह्न् की गतिविधियों की देखरेख करेगी। इसके सदस्यों में डीएडीएफ के प्रतिनिधि तथा विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चार महासंघों के प्रबंध निदेशक शामिल हैं। इस प्रबंध समिति में एफएसएसएआई के प्रतिनिधि तथा डेरी उद्योग के दो विशेषज्ञ भी शामिल हैं। वहीं गुणवत्ता लोगो के लिए इच्छुक महासंघ/सहकारी डेरियां/शैक्षिक संस्थान/सरकारी डेरी इकाइयां आवेदन कर सकती हैं।

सिंह ने इस मौके पर कहा, गुणवत्ता चिह्न् तीन वर्षो की अवधि के लिए मान्य होगा बशर्ते कि गुणवत्ता तथा खाद्य सुरक्षा मानकों का निर्वहन तथा अनुबंध के नियम एवं शर्तो का पालन किया जा रहा है। हालांकि गुणवत्ता चिह्न् प्रदान करने का अनुमोदन तीन वषों के लिए वैध है, परंतु गुणवत्ता चिह्न् के मापदंडों के अनुपालन की जांच के लिए वर्ष में एक बार निगरानी लेखा परीक्षा की जाएगी।

कृषि मंत्री ने इस मौके पर चयनित 14 निर्माण इकाइयों को दूध एवं दूध उत्पादों के लिए खाद्य सुरक्षा तथा गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को अपनाने तथा गुणवत्ता लोगो के मापदंडों का पालन करने पर लोगों को प्रमाणपत्र भी दिया।

इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री सुदर्शन भगत, पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग के केंद्रीय सचिव देवेंद्र चौधरी और एनडीडीबी के अध्यक्ष दिलीप रथ उपस्थित थे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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