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तेजस्वी से तथ्यपूर्ण जवाब मांगना नीतीश का नया दांव

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पटना, 21 जुलाई (आईएएनएस)| बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में मचे घमासान के बीच जनता दल (युनाइटेड) भले ही भ्रष्टाचार के एक मामले में फंसे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से लगे आरोपों का तथ्यपूर्ण जवाब मांग रहा हो, लेकिन माना जाने लगा है कि नीतीश ने इसके जरिए नया सियासी दांव चला है।

वैसे, नीतीश के सामने 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा है जबकि 2020 में बिहर विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की कुर्सी बरकरार रखने की ‘व्यावहारिकता’ है।

माना जा रहा है कि नीतीश इन दोनों योजनाओं को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। वैसे बिहार की राजनीति में माना जाता रहा है कि नीतीश कुमार बिना रणनीति के राजनीति के बिसात पर कोई ‘चाल’ नहीं चलते।

बिहार में जारी सियासी संकट के बीच जहां राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद अपने बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे से साफ इनकार कर चुके हैं, वहीं नीतीश अपनी स्वच्छ छवि वाले ‘चेहरे’ को लेकर झुकने को तैयार नहीं हैं। हालांकि दोनों दलों के पास इस मामले को सुलझाने के लिए काफी समय है।

बिहार की राजनीति पर पैनी निगाह रखने वाले पटना के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर कहते हैं कि वैसे तो राजनीति में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता, लेकिन इस स्थिति में नीतीश को कोई नुकसान नहीं होने वाला है।

उन्होंने कहा कि नीतीश के लिए राजद के साथ गठबंधन तो चल ही रहा है, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दरवाजे भी खुले हैं।

किशोर का कहना है, नीतीश स्वच्छ सरकार चलाने के लिए जाने जाते हैं, यह बात लालू प्रसाद भी जानते हैं। राजद हो या भाजपा, बिहार में आज की स्थिति में कोई भी बिना गठबंधन के बिहार में सरकार नहीं बना सकती। ऐसे में दोनों की नजर नीतीश कुमार पर है और नीतीश ने इसी को लेकर अपनी रणनीति बनाने के लिए समय ले लिया है।

इधर, पटना के वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह कहते हैं कि जद (यू) के तेजस्वी से जवाब की मांग को लेकर वर्ष 2019 के लिए नीतीश कांग्रेस नीत संयुक्त प्रतिशील गठबंधन (संप्रग) पर भी दबाव बनाने की कोशिश में हैं। इस दबाव के तहत नीतीश विपक्ष गठबंधन से सम्मानजनक पद ले सकते हैं। अगर वह पद नहीं मिला तो वे आसानी से राजग की ओर हो जाएंगे, जो विपक्ष की एकजुटता को लेकर धक्का होगा।

नीतीश यह भी जानते हैं कि इस बीच कानूनी दांव-पेंच में फंसे लालू परिवार पर भी अदालत से कोई न कोई फैसला आ जाएगा। इसके बाद नीतीश कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।

शुरू से ही राजद और जद (यू) का महागठबंधन के विषय में कहा जाता है कि यह गठबंधन एक-दूसरे के घुर विरोधी रहे नेताओं के बीच बना ऐसा गठबंधन है, जिसने विधानसभा चुनाव में राजग को करारी शिकस्त दी है। लेकिन, फिलहाल के कुछ महीनों में अपनी-अपनी विचारधारा को लेकर एक-दूसरे से जुबानी जंग की वजह से दोनों के बीच दूरी गहराती जा रही है।

संतोष सिंह भी कहते हैं, नीतीश कुमार अकेले अपने दम पर चुनाव नहीं लड़ सकते, वे गठबंधन के साथ ही चुनाव जीत सकते हैं। वह गठबंधन भाजपा के साथ हो या राजद-कांग्रेस के साथ। अब अगर नीतीश को सत्ता में बने रहना है तो उन्हें मजबूत विपक्ष के लिए लालू से समझौता करना होगा या भाजपा के साथ जाना होगा।

नीतीश ने इस जवाब मांग के जरिए कांग्रेस और राजद को भी आगे की रणनीति पर सोचने के लिए मैाका दे दिया है। सिंह हालांकि यह भी कहते हैं कि नीतीश अपनी स्वच्छ छवि से कभी समझौता नहीं करेंगे, क्योंकि यही उनकी पहचान रही है।

बहरहाल, नीतीश की यह चाल और उनका ‘मौन’ बिहार की सियासी में क्या गुल खिलाएगा, वह तो आने वाला वक्त बतलाएगा। लेकिन हाल के दिनों में बिहार की सियासत में गठबंधन नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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