नेशनल
उप्र : छोटा राजन गिरोह का शार्प शूटर गिरफ्तार
लखनऊ, 22 जुलाई (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने शनिवार को राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर रोड के पास से मुठभेड़ के बाद छोटा राजन गिरोह के शार्प शूटर खान मुबारक को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 15 आधुनिक हथियार और 56 कारतूस बरामद हुए हैं। फिलहाल खान मुबाकर से एसटीएफ एसजीपीजीआइ थाने में पूछताछ कर रही है। एसएसपी एस. आनंद ने बताया, एसटीएफ को खबर मिली कि अंडरवल्र्ड डॉन छोटा राजन गिरोह का सदस्य व शार्प शूटर अंबेडकरनगर में हत्या के अपराध में वांछित खान मुबारक वाराणसी, मिर्जापुर, इलाहाबाद, फैजाबाद तथा लखनऊ जनपदों में जगह बदल-बदल कर रह रहा है और रंगदारी वसूल रहा है। एसटीएफ उस पर नजर रख रही थी। तभी मुखबिर से सूचना मिली कि खान मुबारक अपने किसी परिचित से मिलने थाना पीजीआई के सुल्तानपुर रोड पर झिलझिलपुरवा तिराहा के पास आने वाला है।
उन्होंने बताया, इस सूचना पर निरीक्षक विमल कुमार सिंह की टीम ने मौके पर घेराबंदी कर ली। इसी दौरान सुल्तानपुर रोड से अंसल एपीआई गोल्फ सिटी की तरफ खान मुबारक आता दिखाई दिया, जिसे टीम ने रोकना चाहा पर वह गोलीबारी करते हुए भागने लगा। इस पर टीम और उसके बीच हुई मुठभेड़ के बाद खान मुबारक को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसटीएफ के डीआईजी मनोज तिवारी ने बताया, खान मुबारक मुंबई में एक फिल्म निर्देशक की हत्या में जेल में बंद जफर खान उर्फ जफर सुपारी का भाई है। जफर ने ही उसे छोटा राजन के गिरोह में जोड़ा था। खान मुबारक मूल रूप से अंबेडकरनगर के हसंवर, हरसंभार इलाके का रहने वाला है। खान मुबारक पर तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं, जिनमें वह वांछित चल रहा था। खान मुबारक की हिस्ट्रीशीट बीते अप्रैल में खुली थी। इसके बाद से ही पुलिस तथा एसटीएफ की इस गिरोह के अपराधियों पर पुलिस की लगातार नजर थी।
एएसपी आनंद ने बताया, खान मुबारक ने पहला अपराध वर्ष 2006 में किया था। उसे क्रिकेट खेलने के दौरान रन आउट दे दिया था। इस विवाद में उसने एक युवक को गोली मार दी थी, जिसके बाद से वह अपराध करता गया।
उन्होंने कहा, उसके बाद वर्ष 2007 में जेल से छूटने के बाद डाकघर में लूटपाट को अंजाम दिया। वर्ष 2012 में छोटा राजन के दूसरे शूटर ओसामा की 50 लाख रुपये की सुपारी लेकर हत्या कर दी। वर्ष 2012 में ही ईंट भट्ठा मालिक अईनुद्दीन की हत्या की। वर्ष 2014 में जमीन के विवाद में अंबेडकर नगर में मोहन यादव की हत्या और वर्ष 2016 में अपने ही गिरोह के शार्प शूटर शेरू आलम की हत्या को अंजाम दिया।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह जफर सुपारी के कहने पर लखनऊ में कोई बड़ी वारदात करने के इरादे से आया था, जिसके लिए वह पीजीआई इलाके में छिपा हुआ था।
एसटीएफ ने बताया, खान मुबारक के खिलाफ इलाहाबाद और अंबेडकर नगर में दो दर्जन मुकदमें हत्या, लूट व अपहरण के दर्ज हैं। उसके पास से दो अदद पिस्तौल 7.62 बोर, तीन पिस्तौल 0.32 बोर, एक पिस्तौल नौ एमएम, दो अद्धी 12 बोर, चार देशी बंदूक 12 बोर, एक तमंचा 12 बोर, एक तमंचा 0.315 बोर, एक खोखा कारतूस 7.62 बोर और 56 अदद जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं।
गिरफ्तार अभियुक्त खान मुबारक के खिलाफ थाना-पीजीआई में आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
एएसपी ने बताया कि खान मुबारक की गिरफ्तारी के बारे में अंबेडकरनगर पुलिस को सूचित किया गया है। आगे की विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
नेशनल
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात
कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’
4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।
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