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अन्तर्राष्ट्रीय

…तो कारगिल से सीधे ‘जन्नत’ पहुंच जाते नवाज और मुशर्रफ

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नई दिल्ली। कारगिल युद्ध के दौरान एक समय ऐसा आया, जब भारतीय सेना के निशाने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ थे लेकिन ये दोनों हमले में बाल-बाल बच गए। भारत सकार के एक दस्तावेज से इस बात का खुलासा हुआ है।

भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के कारगिल जिले में हुआ था। तब पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने एलओसी पार करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन पाक को मुंह की खानी पड़ी।

युद्ध के दौरान 24 जून 1999 को करीब सुबह 8.45 बजे जब लड़ाई अपने चरम पर थी। उस समय भारतीय वायुसेना के एक जगुआर ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के ऊपर उड़ान भरी, और पाकिस्तानी सेना के एक अग्रिम ठिकाने गुलटेरी पर निशाना साधा लेकिन उसके पीछे आ रहे दूसरे जगुआर का निशाना चूक गया और पाकिस्तानी ठिकाना बच गया। खबर के मुताबिक, अगर दूसरा जगुआर सही निशाने पर लगता तो उसमें पाकिस्तान के पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ और मौजूदा पीएम नवाज शरीफ भी वहीं मारे जाते। वहां नवाज शरीफ़ और मुशर्रफ सैनिकों को संबोधित कर रहे थे।

दरअसल, इस हादसे पर व्यापक प्रतिक्रिया के डर से अभी तक इस मामले को सार्वजनिक नहीं किया गया था। आपको बता दें कि कारगिल की लड़ाई के दौना में गुलटेरी सैन्य ठिकाना पाकिस्तानी सेना को सैन्य साजो-सामान पहुंचाने वाला अग्रिम ठिकाना था। गुलटेरी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एलओसी से नौ किलोमीटर अंदर है, ये भारत के द्रास सेक्टर के दूसरी तरफ स्थित है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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