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लाइफ स्टाइल

सिर्फ दाल-रोटी के दिन लदे, नए प्रयोग का जमाना : संजीव कपूर

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मुंबई| अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय शेफ संजीव कपूर कहते हैं कि हर भारतीय के घर की रसोई में पारंपरिक दाल-रोटी से हटकर कई नए-नए प्रयोग होते रहते हैं। उन्होंने टीवी रिएलिटी शो ‘मास्टर शेफ इंडिया’ के नए संस्करण की तैयारी के लिए आयोजित एक सत्र में कहा है कि एक समय था, जब लोग दाल-रोटी तक ही खुश थे, लेकिन अब हर रसोई में नए नए प्रयोग जारी हैं।

उन्होंने कहा कि बात चाहे इतालवी पास्ता में देसी स्वाद लाने की हो, या बटाटा वड़ा को भारतीय बर्गर के रूप में पेश करने की, भारतीय हमेशा व्यंजनों के साथ प्रयोग करते रहते हैं। टीवी कार्यक्रम ‘खाना-खजाना’ के मेजबान के रूप में देश की हर रसोई में पहचाने जाने लगे 50 वर्षीय संजीव कहते हैं कि अपने 20 वर्षों के करियर में उन्होंने भारतीय पाक कला में बदलाव की लहर देखी है। संजीव ने बताया कि भारतीय पाक कला में कई बदलाव हुए हैं। टेलीविजन पर पाक कला से संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों ने अपने पाक कौशल को अपने स्तर पर निखारा है। वे अपनी खुद की पाक विधियां विकसित करने लगे हैं। अब शेफ भी नई विधियां प्रयोग करने में हिचकते नहीं हैं।

मनोरंजन चैनल स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘मास्टर शेफ इंडिया’ के जज संजीव ने कहा, “ऐसा नहीं है कि भारतीयों में सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय व्यंजनों के प्रति उत्सुकता और लगाव बढ़ रहा है, बल्कि देश के अंदर भी अलग अलग-अलग क्षेत्र के व्यंजनों के प्रति बढ़ता लगाव देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए उत्तर भारत में भी अब लोग डोसा और इडली पसंद करने लगे हैं।” संजीव ने कहा कि अब व्यंजन क्षेत्रों के आधार पर बंटे नहीं रह गए हैं। जैसे कि पहले डोसा सिर्फ दक्षिण भारतीयों का पसंदीदा था, लेकिन अब दूसरे क्षेत्रों में भी लोग चाव से डोसा खाते हैं।

उन्होंने कहा कि किताबों, इंटरनेट, टेलीविजन, लोगों की उत्सुकता जैसे बहुत से कारणों से क्षेत्रीय व्यंजनों की विधियां दिन प्रतिदिन परिष्कृत होती जा रही हैं। संजीव ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय व्यंजन भी अब लोगों की पसंद बन गए हैं। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों को वैकल्पिक भोजन के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब लोग इन्हें नियमित और मुख्य भोजन के रूप में भी अपनाने लगे हैं।

पाक कला पर कई किताबें लिख चुके संजीव एक रेस्त्रां के मालिक भी हैं और ‘संजीव कपूर के किचन खिलाड़ी’ और ‘मास्टर शेफ इंडिया’ जैसे पाक कला आधारित टीवी कार्यक्रमों में भी नजर आ चुके हैं। संजीव द्वारा विकसित व्यंजनों का लुत्फ कई शहरों में मौजूद उनके रेस्त्राओं में उपलब्ध ‘सिग्नेचर बाय संजीव कपूर’, ‘ब्रूकलीन शफल डिनर’, ‘ऑपशन बाय संजीव कपूर’, ‘सुरा वी’, ‘द येलो चिली’ और ‘खजाना’ में लिया जा सकता है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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