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प्रादेशिक

दिल्ली में ‘विज्ञापन वॉर’, भाजपा ने केजरीवाल को ‘उपद्रवी गोत्र’ बताया

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नई दिल्ली। दिल्ली में ‘विज्ञापन वॉर’ चरम पर पहुंच गई है। लगातार तीसरे दिन मीडिया में भाजपा ने विज्ञापन के माध्यम से आम आदमी पार्टी के संयोजक और सीएम पद के प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाया गया। इस विज्ञापन में भाजपा ने केजरीवाल को ‘उपद्रवी गोत्र’ करार दिया। साथ ही विज्ञापन में गणतंत्र दिवस समारोह और परेड पास को मुद्दा बनाया गया। इस विज्ञापन के बाद अरविंद केजरीवाल ने भी ट्विटर पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, “भाजपा को क्या हुआ है, पहले उन्होंने मेरे बच्चों को निशाना बनाया, लेकिन मैंने बर्दाश्त किया। लेकिन भाजपा ने अब हद ही कर दी। अब भाजपा ने पूरे अग्रवाल समाज को ही उपद्रवी बता दिया। केजरीवाल ने कहा कि वह इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करेंगे। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि भाजपा ने पूरे अग्रवाल समाज का अपमान किया है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

केजरीवाल के खिलाफ भाजपा के विज्ञापन में 26 जनवरी के एक दृश्य को कार्टून के जरिए दिखाया गया है। इसमें एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पीएम नरेंद्र मोदी को सलामी मंच पर दिखाया गया है, जबकि परेड के दौरान केजरीवाल राजपथ पर मौजूद हैं। केजरीवाल के हाथ में उनका चुनाव चिह्न झाड़ू भी मौजूद है। विज्ञापन में केजरीवाल को दर्शाते हुए लिखा गया, ‘ मेरी न सुनी तो 26 जनवरी का प्रोग्राम भी बिगाड़ जाऊंगा… और एक साल बाद वीआईपी पास की गुहार भी लगाऊंगा!’

विज्ञापन में नीचे लिखा है कि पहले तो संवैधानिक पद पर होते हुए मुख्यमंत्री महोदय धरने पर जा बैठे। जोश-जोश में होश खो कर बोले…हां…हम एनार्किस्ट हैं, अराजकता में हमारा विश्वास है। फिर बोले हमारी मांगें न मानी तो गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में उपद्रव करेंगे…यह खास लोगों का आयोजन है। विज्ञापन में आगे केजरीवाल को ‘हे आंदोलनकारी’ कहते हुए संबोधित कर लिखा है, ‘देश के करोड़ों लोग गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व मनाते हैं, इस पर गर्व करते हैं। और आपका उपद्रवी गोत्र इसमें भी व्यवधान डालने को तैयार था। अब देखि‍ए इस साल कैसी पलटी खाई… गणतंत्र दिवस कार्यक्रम पर वीआईपी पास की आस लगाई। पास न मिला तो अपनी खिन्नता भी छुपा न सके।’

भाजपा ने लिखा है, ‘अरे भाई तय कर लो एक बार… आम आदमी हो या वीआईपी? या आम आदमी के वेश में खास आदमी? क्या दिल्ली को हम ऐसे फरेबी लोगों के हवाले कर सकते हैं? जो 49 दिन में दिल्ली की नाक में दम कर सकता है, वो 5 साल में दिल्ली की क्या गत करेगा…। जरा सोचिए फिर चुनिए।’

विज्ञापन के अंत में धोखे की राजनीति हटाकर विकास की राजनीति लाने की गुहार लगाते हुए कमल पर बटन दबाने का आग्रह किया गया है। कुल मिलाकर भाजपा ने विज्ञापन के जरिए केजरीवाल पर करारा हमला किया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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