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आजाद ने नायडू के स्वागत में कहा, उम्मीद है निष्पक्षता की परंपरा बनी रहेगी

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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)| विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को नए उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के नए सभापति एम. वैंकेया नायडू का स्वागत किया। आजाद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि निष्पक्षता की परंपरा कायम रहेगी। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नायडू एक साधारण पृष्ठभूमि से आए हैं और अपने जीवन के शुरुआती समय में उन्होंने काफी संघर्ष किया। और, आज वह देश के शीर्ष नेताओं में से एक हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान का एक बेहतरीन हिस्सा है।

आजाद ने कहा, आप इस कुर्सी पर बैठने का अवसर पाने वाले बहुत ही चुनिंदा लोगों में से हैं, आप जमीन से उठे हैं और बहुत ही सामान्य पृष्ठभूमि से आए हैं, यह हमारे लोकतंत्र और संविधान के बेहतरीन भाग को दर्शाता है।

समूचे विपक्ष की तरफ से नए सभापति का स्वागत करते हुए आजाद ने कहा कि ऊपरी सदन को चलाना एक दोहरी जिम्मेदारी है क्योंकि सदस्यों को उन विधायकों की आशाओं को पूरा करना होता है, जिन्होंने उन्हें चुना है और उन लोगों की आशाओं को भी जिन्होंने विधायकों को चुना है।

उन्होंने कहा, न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष व राज्यसभा के सभापति जैसे लोगों के पास जो पैमाना होता है, वह हमें याद दिलाता है कि वे निष्पक्ष हैं। उन्हें सही और निष्पक्ष होना चाहिए जिससे सदन उचित तरीके से चले।

आजाद ने कहा, हमारे सदन की जिम्मेदारी दोहरी है, इस वजह से यह परंपरा बनी रहनी चाहिए कि कोई विधेयक इस सदन से शोरगुल में पारित नहीं हो..आशा है कि परंपरा बनी रहेगी।

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को गुरुवार को राज्यसभा से विदाई दी गई। येचुरी के भी बेहद आम परिवार से उठकर यहां तक आने का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि यह लोकतंत्र की शक्ति है कि एक व्यक्ति की क्षमताएं उसकी गरीबी या कमजोर पृष्ठभूमि से बधी हुई नहीं हैं।

आजाद ने कहा, सदन में ऐसे लोग हैं जो जमीनी स्तर से शीर्ष पदों पर पहुंचे है। ऐसे लोग जो गरीब हैं व समृद्ध नहीं है वे अपने कार्यो के दम पर शीर्ष पर पहुंचे हैं। यह लोकतंत्र की सबसे अच्छी बात है, यह संविधान की ताकत है।

उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लोगों को भी नहीं भूलना चाहिए जो एक समृद्ध पृष्ठभूमि से आए और अपना जीवन राष्ट्र के लिए बलिदान कर दिया।

उन्होंने कहा, हमें उन लोगों को भी नहीं भूलना चाहिए जो समृद्ध थे और अपनी संपत्ति, परिवार और बच्चों को बलिदान कर दिया। हमें उन्हें आज नहीं भुलाना चाहिए। मोती लाल नेहरू, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटले व मौलाना आजाद सभी समृद्ध थे, फिर भी इन सभी ने सभी चीजें छोड़कर अपना जीवन देश को दे दिया।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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