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बिजनेस

त्रिपुरा बिजली परियोजना को गैस आपूर्ति शुरू : ओएनजीसी

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अगरतला | सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी, ओएनजीसी ने त्रिपुरा की एनईईपीसीओ द्वारा स्थापित 101 मेगावाट क्षमता वाले बिजली संयंत्र के लिए गैस आपूर्ति शुरू कर दी है। एनईईपीसीओ (नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन) केंद्रीय बिजली मंत्रालय के तहत एक लघु-रत्न कंपनी है। एनईईपीसीओ ने अगरतला से दक्षिण में 70 किलोमीटर और भारत-बांग्लादेश सीमा से सिर्फ आठ किलोमीटर दूर पश्चिम त्रिपुरा के मोनारचक में 9.50 अरब रुपये (लगभग 15.0 करोड़ डॉलर) की लागत से 101 मेगावाट बिजली संयंत्र की स्थापना की है।

तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने रविवार देर शाम एनईईपीसीओ के बिजली संयंत्र को गैस आपूर्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ तकनीकी पक्षों की जांच करने के बाद जल्द ही सामान्य आपूर्ति शुरू हो जाएगी। उनके मुताबिक, हाल ही में ओएनजीसी ने प्रतिदिन पांच लाख घन मीटर गैस की आपूर्ति के लिए खेदाबड़ी (पश्चिमी त्रिपुरा में) के गैस स्टेशन से एनईईपीसीओ की बिजली परियोजना तक 10 किलोमीट लंबी पाइपलाइन बिछाई है। मोनारचक बिजली संयंत्र के प्रमुख एस.आर. बिस्वास ने मीडिया को बताया, यदि ओएनजीसी से गैस आपूर्ति संतोषजनक बनी रहती है तो मार्च से बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा और अगस्त से बिजली का पूर्ण व्यावसायिक उत्पादन शुरू होगा। बिस्वास के मुताबिक एक महीने तक ओएनजीसी द्वारा गैस आपूर्ति न होने से एनईईपीसीओ को पांच करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। रविवार को एनईईपीसीओ बिजली संयंत्र के दौरे पर आए त्रिपुरा के बिजली मंत्री मानिक डे ने इस परियोजना से बिजली उत्पादन में हो रही देरी पर अपनी गहरी पीड़ा व्यक्त की।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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