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जाट नेता को थप्पड़ मारने के बाद मारपीट में 20 घायल

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चंडीगढ़, 14 अगस्त (आईएएनएस)| सरकारी नौकरियों व शैक्षिक संस्थानों में जाट समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले जाट नेता यशपाल मलिक को सोमवार को हरियाणा के गांव में थप्पड़ मारा गया। इसके बाद हुई मारपीट में करीब 20 लोग घायल हो गए। मलिक दूसरे जाट नेताओं के साथ फतेहाबाद जिले के तोहाना के पास समाइन गांव में समुदाय की एक रैली को संबोधित करने गए थे। वहां एक व्यक्ति ने मलिक को थप्पड़ मार दिया। चंडीगढ़ से समाइन की दूरी 170 किमी है।

हमलावर को मलिक के समर्थकों ने पकड़ लिया। इसे लेकर मलिक के समर्थकों व प्रतिद्वंद्वी समूह में झड़प हुई। झड़प के दौरान करीब 20 लोग घायल हो गए।

पुलिस ने प्रतिद्वंद्वी समूह के लोगों को तितर-बितर करने के लिए बल का इस्तेमाल किया।

मलिक ने इसे खुद को मारने का प्रयास बताया और इस घटना के लिए भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ जाट नेता को जिम्मेदार ठहराया।

घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। हालात पर नियंत्रण के लिए पुलिस बल को भेजा गया है।

हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हैं। हमले के पीछे के लोगों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।

यशपाल मलिक अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष हैं। समिति ने जनवरी 2016 में आरक्षण की मांग को लेकर 50 दिनों तक आंदोलन किया था। इस हिंसक आंदोलन में कम से कम तीस लोग मारे गए थे।

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नेशनल

भारत में चीनी लहसुन की घुसपैठ, सेहत के लिए है काफी खतरनाक

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लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नामित अधिकारी को शुक्रवार को तलब किया। कोर्ट ने इस दौरान सवाल किया कि प्रतिबंधित ‘चीनी लहसुन’ अब भी बाजार में कैसे उपलब्ध है। कोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र के वकील से देश में ऐसी वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए मौजूद सटीक व्यवस्था के बारे में भी प्रश्न किया है और यह भी पूछा है कि इसके प्रवेश के स्रोत का पता लगाने के लिए क्या कोई कवायद की गई है?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने “चीनी लहसुन” की बिक्री पर लगाई रोक

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ‘चीनी लहसुन’ के हानिकारक प्रभाव होते हैं जिसकी वजह से देश में इस पर प्रतिबंध है। कोर्ट को बताया गया कि प्रतिबंध के बावजूद, लखनऊ सहित पूरे देश में ऐसा लहसुन आसानी से उपलब्ध है. याचिकाकर्ता ने अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों के समक्ष लगभग आधा किलो ‘चीनी लहसुन’ के साथ-साथ सामान्य लहसुन भी पेश किया।

लहसुन खरीदते समय इन बातों पर रखे ध्यान

लहसुन खरीदने के वक्त ध्‍यान रखें कि लहसुन की गांठ का साइज छोटा हो, क्‍योंकि देसी लहसुन, चाइनीज गार्लिक के मुकाबले कुछ छोटा दिखता है। जहां देसी लहसुन की कलियां या तुरी बारीक और पतली होती हैं वहीं चाइनीज लहसुन की कलियां खिली हुईं और मोटी आपको नजर आएंगी। दोनों के रंग में भी अंतर होता है। चाइनीज लहसुन क्योंकि कैमिकल्‍स के इस्‍तेमाल से तैयार किया जाता है, इसमें सिंथेटिक प्रोसेस का यूज होता है। यह एकदम सफेद, साफ और चमकदार आपको नजर आएगा। वहीं देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए सफेद लहसुन होता है।

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