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प्रादेशिक

15 अक्टूबर को टीईटी पर शिक्षामित्रों को रास नहीं आया सरकारी फॉर्मूला

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लखनऊ। समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर यूपी के 1.72 लाख शिक्षामित्रों का अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में जारी है। शिक्षामित्रों ने यूपी की योगी सरकार के द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले को नकार दिया है। इस फॉर्मूले के तहत 15 अक्टूबर को यूपीटीईटी 2017 करवाने के बाद दिसंबर में शिक्षक भर्ती शुरू करने का भी फैसला किया गया है ताकि शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति का मौका जल्दी मिले।

अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सरकार शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने का मौका देने जा रही है। शिक्षामित्र शिक्षक बनने के लिए टीईटी की अनिवार्य अर्हता प्राप्त कर सकें, इसके लिए 15 अक्टूबर को यूपीटीईटी-2017 आयोजित की जाएगी।

टीईटी में सभी शिक्षामित्रों को इसमें शामिल होने का मौका दिया जाएगा। टीईटी के बाद प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के पद पर चयन के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा, हालांकि सरकार ने खाली पदों का ब्योरा नहीं दिया है। सूत्रों के मुताबिक, 70 हजार से अधिक पदों पर भर्ती हो सकती है। इन पदों पर शिक्षामित्रों के अलावा सभी पात्र अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।

भर्ती में टीईटी क्वॉलिफाइंग होगी। टीईटी का परिणाम आने के बाद दिसम्बर में सहायक अध्यापकों की नई भर्ती निकाली जाएगी। इस भर्ती में शिक्षा मित्रों को 2.5 अंक प्रति वर्ष की दर से अधिकतम दस वर्ष के 25 भारांक देकर वरियता दी जाएगी। इसके लिए विभाग नियमावली में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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