प्रादेशिक
मध्य प्रदेश में नया फॉर्मूला, सरकारी स्कूल होंगे कंपनियों के नाम पर
सागर। मध्य प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों को आर्थिक तौर पर मदद करने वाली कंपनियों के नाम पर करने की तैयारी कर चुकी है। यह खुलासा गुरुवार को राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने किया। इसे इस बात का संकेत माना जा रहा है कि सरकार की माली हालत ठीक नहीं है।
यहां के रवींद्र भवन में शाला प्रबंधन एवं शैक्षणिक गुणवत्ता पर प्राचार्य परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री शाह ने कहा, “अपना भी एक आइडिया है कि कंपनियों से आर्थिक सहयोग लेकर स्कूल के नाम में संबंधित कंपनी का नाम जोड़ दो, इससे कंपनी का प्रचार हो जाएगा और सरकार की धनराशि बच जाएगी। इस आइडिया पर मुख्यमंत्री ने भी मुहर लगा दी है।”
उन्होंने आगे कहा, “जो कंपनी ज्यादा पैसे देगी, उसी के नाम पर स्कूल का नाम किया जाएगा। अगर टेलीकॉम कंपनी ऐसा करेगी तो उससे कहेंगे कि बच्चों को वाई-फाई फ्री कर दे, एक प्राचार्य को वेतन दे दे। अगले साल कोई दूसरी कंपनी ज्यादा पैसे देगी तो स्कूल का नाम उसी कंपनी के नाम कर दिया जाएगा।”
इस परिचर्चा में प्राचार्यो से सीधा संवाद कर उनसे अकादमिक गुणवत्ता सुधार, अभिभावक भागीदारी प्रोत्साहन, मूल्यांकन, शिक्षक-छात्र-परस्पर संबंध को बढ़ाने के लिए विस्तृत चर्चा की गई।
परिचर्चा में लोक शिक्षण आयुक्त नीरज दुबे, सागर के संभागायुक्त डॉ़ मनोहर अगनानी और स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुकर्जी ने भी अपने विचार रखे।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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