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पंजाब में कैंसर से उबरे लोग जुटाएंगे 3 लाख हस्ताक्षर

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)| कैंसर रोग से उबरे आठ लोग बाल्यावस्था में होने वाले कैंसर से बचाव के बारे में संदेश फैलाने और 300,000 हस्ताक्षर जुटाने के लिए समूचे पंजाब और चंडीगढ़ की सड़कों पर एक रैली निकालेंगे। वे इन 300,000 हस्ताक्षरों का उपयोग प्रधानमंत्री मोदी से बच्चों को हुए कैंसर के उपचार को बाल स्वास्थ्य प्राथमिकताओं में डालने की मांग करने के लिए करेंगे।

इस रैली में हड्डियों के ट्यूमर से बचने वाली पंजाब के जिराकपुर की रहने वाली 17 वर्षीय मुस्कान भी होंगी, जो 24 सितंबर से शुरू हाने वाले इस चार दिवसीय रैली के लिए बहुत ही उत्सुक हैं। यह रैली राज्य के 18 जिलों में 1,400 किलोमीटर का सफर तय करेगी।

उन्होंने इससे पहले पंजाब के राज्यपाल वी.एस. बदनोर से मिलने के लिए स्वयंसेवियों की एक टीम का नेतृत्व भी किया और समर्थन पाने के लिए अपने कपड़े पर एक रिबन भी लगाया।

मुस्कान ने कहा, राज्यपाल सर यह सुनकर बहुत खुश हुए कि हम लोगों को कैंसर के इलाज से अवगत कराने के लिए गाड़ियों पर बैनर, पोस्टर और प्लेकार्ड लेकर चलेंगे।

बदनोर ने घोषणा की है कि चंडीगढ़ प्रशासन और पंजाब सरकार संयुक्त रूप से एक जन जागरूकता अभियान शुरू करेगी और बच्चों में कैंसर के बारे में जागरूकता लाएगी।

कैनकिड्स नामक एक गैर सरकारी संगठन इस रैली के दौरान नुक्कड़ नाटकों का आयोजन करेगा। यह संगठन कैंसर के शुरुआती लक्षणों एवं उसके उपचार के लिए मौजूद केंद्रों से संबंधित प्रचार सामग्री और पुस्तिकाएं भी वितरित करेगा।

मुस्कान ने आगे कहा, हर उस बच्चे के लिए, जो कैंसर से मरता है, दुनिया औसतन आयु के 71 वर्ष गंवा देती है।

कैनकिड्स की निदेशक पूनम बगाई ने कहा, सितंबर बाल कैंसर जागरूकता का महीना है और इस दौरान पूरा पंजाब सुनहरा हो रहा है। सोने का रिबन कैंसर और उनके परिवारों के साथ बच्चों का सम्मान करता है और यह बाल्यावस्था में होने वाले कैंसर को बाल स्वास्थ्य प्राथमिकता दिलाने का समर्थन करता है।

अनुमान है कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कैंसर रजिस्ट्रीज (आईएआरसी), जिनेवा के आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में प्रत्येक वर्ष (0-19 वर्ष) बचपन के कैंसर के 969 से 1,543 तक के नए मामले देखे गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में हर साल बाल कैंसर के कम से कम 35 नए मामले दर्ज किए जाते हैं।

पंजाब के मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने इस अभियान को सरकार का समर्थन दिया। उन्होंने उम्मीद की यह अभियान राज्य और शेष देश में जीवित रहने वाले बच्चों को बढ़ाएगा। भारत में विश्व के 95 फीसदी के मुकाबले 40 फीसदी बच्चे ही कैंसर से बच पाते हैं।

पंजाब सरकार और कैनकिड्स सोसाइटी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए। कैनकिड्स स्वयं की निधि का उपयोग करते हुए, अब बाल कैंसर से संबंधित मामलों में राज्य सरकार को जानकारी और समर्थन सहयोगी के रूप में अपनी सेवाएं देगा।

बगाई ने कहा, पंजाब सरकार ने कैंसर से पीड़ित बच्चों की पहचान करने और उन्हें 18 नामित केंद्रों पर मुफ्त उपचार देने का फैसला किया है।

विश्व में बाल्यावस्था में होने वाले कैंसर से बचने वालों की संख्या 70-95 प्रतिशत है, जबकि भारत में जागरूकता की कमी, खराब जानकारी और सही देखभाल न मिल पाने एवं अपर्याप्त उपचार केंद्रों के कारण 50-70 प्रतिशत बच्चे अभी भी इस बीमारी के कारण मारे जाते हैं।

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दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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