Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

सपा ने पूरे नहीं किए वादे : भाजपा

Published

on

भारतीय-जनता-पार्टी,उपलब्धियों,समाजवादी-पार्टी,बिजली-सड़क,पानी,रंग,अखिलेश-सरकार,कन्या-विद्याधन-योजना,अल्पसंख्यक,भाजपा-प्रवक्ता,लूट, डकैती

Loading

लखनऊ | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई ने अखिलेश सरकार की उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के फैसले को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि आखिर किन उपलब्धियों का बखान समाजवादी पार्टी (सपा) जनता के बीच करेगी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने प्रदेश कार्यालय पर कहा कि सपा के चुनावी घोषणापत्र में लैपटॉप योजना, कन्या विद्या धन, बेरोजगारी भत्ता, किसानों की उपज के मूल्य निर्धारण, बिजली-सड़क, पानी जैसे तमाम मुद्दों को शामिल किया गया था लेकिन एक भी योजना को सही ढंग से जनता के बीच लागू नहीं किया गया है।

पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार ने सूचना विभाग जैसे सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए पूरे महकमे को सपा के ‘रंग’ में रंग दिया है। परिणाम यह रहा कि सरकारी अधिकारी भी सरकारी पैसे से अखिलेश सरकार की तथाकथित उपलब्धियों के नाम पर सपा का गुणगान करने में जुट गए हैं।उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार की उपलब्धियों की गाथा झूठ का पुलिंदा है। वास्तव में अखिलेश सरकार ने जनता के साथ वादाखिलाफी करते हुए अपने घोषणापत्र में किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है। उन्होंने अखिलेश सरकार को समाजवादी पार्टी की बहुप्रचारित और महात्वाकांक्षी योजनाओं- लैपटॉप योजना, कन्या विद्याधन योजना, हमारी बेटी-उनका कल और पढ़े बेटी-बढ़े बेटी जैसी कई अन्य योजनाओं को लेकर कठघरे में खड़ा किया।

पाठक ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘हमारी बेटी-उसका कल’ के नारे के साथ योजना शुरू की। लेकिन उसका लाभ सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय की बेटियों को ही मिला। यही नहीं, पढ़े बेटी बढ़े बेटी और कन्या विद्याधन जैसी कई अन्य योजनाएं भी जनता के सामने हैं। फिर भी अखिलेश सरकार उपलब्धियों के बखान में जुटी है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। अखिलेश सरकार की उपलब्धियों का लाभ राज्य में सक्रिय गुंडा अपराधी और असामजिक तत्वों को मिला है। अखिलेश सरकार की लचर कार्यशैली का ही परिणाम है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई। प्रदेश में हत्या, लूट, डकैती, महिलाओं पर अत्याचार-दुराचार की घटनाएं तो बेतहाशा बढ़ी हैं।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending