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नेशनल

आर.के. मिश्रा ने एसएसबी महानिदेशक का पदभार संभाला

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नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| रजनी कांत मिश्रा ने शनिवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक का पदभार संभाल लिया। उन्होंने अर्चना रामासुंदरम का स्थान लिया है। 2003 में पुलिस पदक और 2009 में प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुलिस पदक प्राप्त कर चुके मिश्रा, उत्तर प्रदेश कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

मिश्रा 2002 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जुड़े और 2009 तक वहां उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) और महानिरीक्षक (आईजी) के रूप में उन्होंने काम किया।

उन्हें जून 2013 में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में स्थानांतरित कर दिया गया और वहां उन्होंने फ्रंटियर मुख्यालय, त्रिपुरा और दक्षिण बंगाल में एक आईजी और बाद में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के रूप में काम किया।

उनकी अंतिम नियुक्ति बीएसएफ मुख्यालय में एडीजी के रूप में थी।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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