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नेशनल

आईएस के चंगुल से मुक्त फादर टॉम केरल पहुंचे

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कोच्ची, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| केरल के कैथोलिक पादरी टॉम उझुन्नालिल रविवार को कोच्ची पहुंच गए। उन्हें पिछले महीने यमन में एक अज्ञात जगह से आईएस के चंगुल से छुड़ाया गया था। कोच्चि हवाईअड्डे पहुंचने पर सुबह सात बजे टॉम का उनके परिवार, गिरजाघर के पादरियों और कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल के नेताओं ने उनका स्वागत किया।

हालांकि, इस दौरान राज्य सरकार का कोई भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं था।

उझुन्नालिल ने कहा, मेरा साथ देने वाले सभी लोगों को शुक्रिया। भगवान सभी लोगों पर आशीष बनाए रखे। घर वापसी किसी के लिए भी सबसे सुखद अनुभूति होती है और मुझे भी यह अनुभूति हो रही है।

आधा दर्जन कांग्रेस विधायकों के साथ आए विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि यह बहुत अनुचित है कि राज्य सरकार की ओर से यहां कोई भी मौजूद नहीं है।

चेन्नीथला ने कहा, कम से कम राज्य सरकार का एक प्रतिनिधि यहां जरूर होना चाहिए था। मुझे उम्मीद है कि सरकार इस गलती में सुधार करेगी।

हवाईअड्डे पर कोट्टायम से लोकसभा सांसद जोस के.मणि और पांच बार के पूर्व लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री पी.सी.थॉमस भी मौजूद थे।

उझुन्नालिल हवाईअड्डे से डोन बॉस्को हाउस गए और सैंट मैरीज बैसिलिका कॉन्वेंट में प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया और आर्कबिशॉप हाउस का दौरा किया।

इसके बाद वह कोट्टायम जिले में पाला के पास अपने गृहनगर रामपुरम जाएंगे।

वह शाम में रामपुरम स्थित अपने मोहल्ले में विशेष थैंक्सगिविंग प्रार्थना में हिस्सा लेंगे और एक रिसेप्शन में शामिल होंगे।

उन्हें 12 सितंबर को आईएस के चंगुल से छुड़ाकर ओमान लाया गया था। वह वैटिकन सिटी भी गए थे, जहां उन्होंने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी।

उझुन्नालिल 28 सितंबर को दिल्ली पहुंचे थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी।

वह केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन और पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी से भी मुलाकात कर सकते हैं।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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