खेल-कूद
वेस्टइंडीज को गेल और भाग्य के सहारे की उम्मीद
सिडनी| आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में शनिवार से शुरू हो रहे 11वें आईसीसी विश्व कप के लिए सभी टीमों की तैयारी पूरी हो चुकी है। टूर्नामेंट के तमाम प्रबल दावेदारों के बीच नजर वेस्टइंडीज टीम के प्रदर्शन पर भी होगी जो कभी क्रिकेट की दुनिया का बेताज बादशाह माना जाता था। लंबे समय से अपने खराब फॉर्म से गुजर रही कैरेबियाई टीम का सफर निश्चित रूप से इस बार भी आसान नहीं होगा। टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने गौरवपूर्ण इतिहास और फिर उसके बाद टीम के प्रदर्शन में लगातार आई गिरावट को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की होगी।
आस्ट्रेलिया और भारत के बाद वेस्टइंडीज ही एकमात्र टीम है जिसने कम से कम दो बार विश्व खिताब जीता है।
कैरेबियाई टीम में कई बेहतरीन खिलाड़ी हैं लेकिन उसकी सबसे बड़ी मुश्किल उन खिलाड़ियों के एक साथ समग्र रूप से प्रदर्शन नहीं कर पाने की है।
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) और खिलाड़ियों के बीच बीते साल हुए वेतन विवाद ने भी टीम को प्रभावित किया। इस विवाद के कारण कैरेबियाई खिलाड़ियों ने भारत दौरा बीच में छोड़ा। इसके बाद चयनकर्ताओं ने विश्व कप के लिए घोषित टीम में ड्वायन ब्रावो और कीरन पोलार्ड को शामिल नहीं किया।
मुख्य चयनकर्ता क्लाइव लॉयड ने हालांकि बाद में इससे इंकार किया कि कैरेबियाई टीम द्वारा भारत दौरा बीच में छोड़ने में अहम भूमिका निभाने के कारण ब्रावो और पोलार्ड को शामिल नहीं किया गया। ब्रावो उस तमाम विवाद के दौरान टीम के कप्तान थे।
बहरहाल, आशंका जताई जा रही कि दोनों के बाहर होने से भी टीम पर खराब असर पड़ा है। दोनों सीनियर खिलाड़ी है और कई मौकों पर मैच जीताने में सफल रहे हैं।
ब्रावो को हटाकर 23 वर्षीय युवा गेंदबाज जेसन होल्डर को आश्चर्यजनक रूप से टीम की कप्तानी सौंपी गई और इस कदम ने भी कई आलोचनाएं बटोरी। होल्डर के पास केवल 26 मैचों का अनुभव है।
टीम के पास हालांकि क्रिस गेल जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं जो किसी भी मैच को पलटने का माद्दा रखते हैं।
विश्व कप में कैरेबियाई टीम के प्रदर्शन की बात करें तो वेस्टइंडीज 1975 और 1979 में चैम्पियन बनने में कामयाब रहा था। इसके बाद 1983 के फाइनल में उसे भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
वेस्टइंडीज टीम 1983 के बाद 1996 में अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन कर पाई। इस संस्करण में टीम सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही लेकिन उसे वहां आस्ट्रेलिया के हाथों हार कर बाहर होना पड़ा। पिछले विश्व कप में भी टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही जहां उसे पाकिस्तान ने हराया।
वेस्टइंडीज ने 2007 में विश्व कप की मेजबानी की लेकिन वहां भी वह अंतिम आठ से आगे नहीं बढ़ सका।
टीम में कई कम अनुभवी खिलाड़ी हैं। खासकर गेंदबाजी में टीम के पास कोई मैच जीताने वाला खिलाड़ी नजर नहीं आता। दिग्गज स्पिन गेंदबाज सुनील नरेन ने भी आखिरी समय में टीम से नाम वापस ले लिया। ऐसे में गेल, मार्लन सैमुअल्स, ड्वायन स्मिथ जैसे कुछ बल्लेबाज जरूर है जो टीम की नैया पार लगा सकते हैं लेकिन वह कितना सफल होंगे, इसका अनुमान लगाना अभी मुश्किल है।
खेल-कूद
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।
भारतीय पारी
पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।
लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।
इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर मिचेल मार्श की गेंद पर विकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कमिंंस की गेंद पर दूसरी स्लिप में खड़े स्टीव स्मिथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्षित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।
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