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राजस्थान में विवादित अध्यादेश पर केंद्र, राज्य को नोटिस जारी

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जयपुर, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| राजस्थान उच्च न्यायालय ने वसुंधरा राजे के विवादित अध्यादेश के मद्देनजर शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मुख्यमंत्री राजे का यह विवादित अध्यादेश लोकसेवकों को संरक्षण देने वाला है।

आपराधिक कानून (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश 2017, सितंबर में लागू किया गया था।

याचिकाकर्ताओं में से एक भागवत गौड़ के वकील ए.के.जैन ने आईएएनएस से कहा, न्यायाधीश अजय रस्तोगी और दीपक माहेश्वरी की एक पीठ ने नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तारीख 27 नवंबर तक जवाब देने के लिए कहा है।

अदालत ने अपने आदेश में अध्यादेश के खिलाफ दायर सभी सात याचिकाएं और जनहित याचिकाओं को भी शामिल किया, जिसमें प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता सचिन पायलट द्वारा दायर याचिका भी शामिल है।

इस अध्यादेश के खिलाफ दायर लगभग सभी याचिकाओं का तर्क है कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 का उल्लंघन करता है।

अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष सभी को समानता प्रदान करता है, जबकि अनुच्छेद 19 कुछ अधिकारों के संरक्षण के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत काम करता है।

नियमों के अनुरूप, इस विधेयक को चुनिंदा समिति के पास भेजा जा सकता है। यह अध्यादेश अभी भी छह सप्ताह यानी पांच दिसंबर तक के लिए क्रियान्वित है।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को तमाम आलोचनाओं को दककिनार कर राजस्थान विधानसभा में यह विधेयक पेश किया था।

यह विधेयक मौजूदा या सेवानिवृत न्यायधीश, दंडाधिकारी और लोकसेवकों के खिलाफ उनके अधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान किए गए कार्य के संबंध में न्यायालय को जांच के आदेश देने से रोकती है।

इसके अलावा कोई भी जांच एजेंसी इन लोगों के खिलाफ अभियोजन पक्ष की मंजूरी के निर्देश के बिना जांच नहीं कर सकती।

अनुमोदन पदाधिकारी को प्रस्ताव प्राप्ति की तारीख के 180 दिन के अंदर यह निर्णय लेना होगा। विधेयक में यह भी प्रावधान है कि तय समय सीमा के अंदर निर्णय नहीं लेने पर मंजूरी को स्वीकृत माना जाएगा।

विधेयक के अनुसार जब तक जांच की मंजूरी नहीं दी जाती है तब तक किसी भी न्यायधीश, दंडाधिकारी या लोकसेवकों के नाम, पता, फोटो, परिवारिक जानकारी और पहचान संबंधी कोई भी जानकारी न ही छापा सकता है और ना ही उजागर किया जा सकता है।

प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों को दो वर्ष की कारावास और जुमार्ने की सजा दी जा सकती है।

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नेशनल

राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे, पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर लिया हनुमान जी का आशीर्वाद

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लखनऊ। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक दिवसीय रायबरेली के दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने रायबरेली लखनऊ बॉर्डर स्थित पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसके बाद डिग्री कॉलेज चौराहा शहीद चौक पर पहुंचे। यहां माल्यार्पण कर डिग्री कॉलेज चौराहे का लोकार्पण किया।

लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने सड़क मार्ग से रायबरेली तक का रास्ता तय किया। इस बीच वह चुरुवा हनुमान मंदिर में पूजा करने के लिए भी रुके। रायबरेली पहुंचने के बाद राहुल गांधी दिशा की बैठक में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव के बाद राहुल का अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तीसरा और यूपी का 5वां दौरा है।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि राहुल गांधी के दौरे से उत्तर प्रदेश कांग्रेस में नई ऊर्जा आएगी। चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लखनऊ पहुंच गए हैं। वह एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से रायबरेली के लिए रवाना हो गए हैं।

इसके पहले राहुल गांधी को रिसीव करने आए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी एक जागरूक और जिम्मेदार नेता हैं। वह रायबरेली संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति जानने के लिए दिशा की बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक के बाद 2:30 बजे राहुल गांधी फुरसतगंज एयर पोर्ट के लिए रवाना होंगे।

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