अन्तर्राष्ट्रीय
मुशर्रफ ने स्वीकारा, आईएसआई ने ही तालिबान को खड़ा किया
कराची। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने खुलासा किया है कि भारत से निपटने के लिए पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही तालिबान को खड़ा किया था। मुशर्रफ ने यह भी स्वीकारा कि उनके शासनकाल में अफगानिस्तान सरकार को कमजोर करने की कोशिश की गई थी, क्योंकि वह पाकिस्तान की पीठ में ‘छुरा घोंपने में’ भारत की मदद कर रही थी।
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने हाल ही में भारत और पाक के रिश्तों पर एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंमने भारत और पाक के आपसी संबंधों के बारे में काफी साफगोई से बयान दिए। उनके मुताबिक भारत से टक्कमर और जीतने के लिए ही पाक की खफिया एजेंसी आईएसआई ने तालिबान को खड़ा किया। उन्होंने यह बात भी स्वींकारी की आजादी के बाद से ही भारत की खुफिया एजेंसी रॉ, पाक की आईएसआई हमेशा एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते रहे हैं।
मशर्रफ ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के शासनकाल के बारे में भी नाराजगी जताई। मुशर्रफ ने बताया कि उनके शासनकाल में अफगानिस्तान सरकार को कमजोर करने की कोशिश की गई, क्योंकि वह पाकिस्तान की पीठ में ‘छुरा घोंपने में’ भारत की मदद कर रही थी। यह उस समय भी साफ हो गया था कि अफगानिस्तान वास्तव में पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा रहा था। उस समय हम कुछ ऐसे संगठनों की तलाश में थे, जो पाकिस्तान के खिलाफ इस भारतीय कार्रवाई का मुकाबला कर सकें। ऐसे में खुफिया तंत्र तालिबानी संगठनों के संपर्क में था। निश्चित तौर पर हम संपर्क में थे। हत्या और देशद्रोह जैसे आरोपों का सामना कर रहे मुशर्रफ कहते हैं कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के जासूसों ने 2001 के बाद तालिबान को पूरे तरीके से खड़ा किया, क्योंकि उस समय हामिद करजई सरकार में बड़ी संख्या में गैर-पश्तून अधिकारी थे जो भारत को फायदा पहुंचाते थे।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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