बिजनेस
रिलायंस के बाद अब एयरटेल बंद करेगी अपनी यह सर्विस
नई दिल्ली। मोबाइल कंपनियों के बीच उपभोक्ताओं को जोडऩे की चल रही खींचतान के बीच टेलीकॉम क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी भारती एयरटेल ने भी बड़ा फैसला लिया है। एयरटेल अपनी 3जी सर्विस को बंद करने की योजना बना रही है। पिछले दिनों रिलायंस इंफोकॉम ने भी 2जी, 3जी और डीटीएच सर्विस बंद करने की घोषणा की थी।
एयरटेल ने 3जी सर्विस बंद करने के पीछे तर्क दिया है कि यह टेक्नोलॉजी अब उनके लिए बेहतर नहीं है। एयरटेल के इंडिया और साउथ एशिया के एमडी और सीईओ गोपाल विट्टल का कहना है कि उन्होंने 3जी पर निवेश बंद कर दिया है। ऐसे में 3जी से खाली हुए स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 4जी सर्विस के लिए किया जाएगा, जो डेटा ट्रांसफर के लिए अच्छी टेक्नोलॉजी है।
बता दें कि कंपनी 3जी सेवाओं में काम आने वाले 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड का इस्तेमाल 4जी सेवाओं के लिए करेगी, जो डेटा ट्रांसफर के लिए अच्छी टेक्नोलॉजी है। जुलाई-सितम्बर में कंपनी के डाटा कस्टमर्स 4 गुना तेजी से बढ़े हैं। इस दौरान मोबाइल ब्राडबैंड कस्टमर्स की संख्या 33.6 फीसदी बढक़र 5.52 करोड़ हो गई है।
भारती एयरटेल को वित्त वर्ष 2017-28 की दूसरी तिमाही में कमाई में 76.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी के बयान के मुताबिक एयरटेल ने चाल वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 343 करोड़ रुपये का फायदा कमाया, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की इसी तिमाही में कंपनी की कमाई 1,431 करोड़ रुपये थी।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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