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हिमाचल चुनाव : दून में कांग्रेस के वर्चस्व को भाजपा की चुनौती
नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए यूं तो हर सीट का अपना एक अहम किरदार है लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं जहां का सूरते हाल अपनी कहानी खुद बयां करता है। कई सीटें किसी नेता के लिए खास है तो कुछ पार्टियों के लिए विशेष महत्व रखती हैं। कुछ यही हाल है हिमाचल प्रदेश की दून विधानसभा सीट का, जिसे कांग्रेस का ‘पुश्तैनी’ गढ़ कहा जाता है।
हिमाचल प्रदेश की विधानसभा सीट संख्या-52 दून विधानसभा। शिमला लोकसभा क्षेत्र और सोलन जिले के हिस्से दून की कुल आबादी वर्तमान में 99,238 है जिसमें से 61,269 मतदाता इस बार अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे। दून क्षेत्र में मुख्य रुप से पंजाबी भाषा का प्रभाव है और यहां अधिकतर लोग पंजाबी ही बोलते हैं। दून विधानसभा क्षेत्र में चौधरी बिरादरी का दबदबा बताया जाता है।
यहां 1967 में पहला चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार लेख राम ने जीता था लेकिन उनकी मदद से कांग्रेस ने इस क्षेत्र पर अपना कब्जा इस कदर जमाया कि राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता उस नींव को हिलाने में कामयाब नहीं हो पाया। दून विधानसभा में हुए अब तक कुल 11 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सात बार जीत दर्ज की है। साथ ही पिछले पांच विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने चार बार 1993, 1998, 2003 और 2012 में जीत हासिल कर भाजपा को इस क्षेत्र से दूर ही रखा है।
चौधरी बिरादरी का दबदबा और भाजपा के पास कोई बड़ा नाम न होने के कारण भाजपा इस सीट पर जीत के लिए तरसती दिखाई दे रही है। 2007 में भाजपा की विनोद कुमारी इसका अपवाद रही हैं। भाजपा के पास चौधरी बिरादरी का मजबूत जनाधार वाला नेता न होना पार्टी के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
दून विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े बताते हैं कि इस क्षेत्र का प्यार और साथ दोनों ही कांग्रेस को बड़े पैमाने पर मिला है। 1990 में जनता दल के टिकट पर चुनाव जीतने वाले चौधरी लज्जा राम ने 1993 में कांग्रेस का हाथ थामा और अगले तीन चुनाव में लगातार कांग्रेस की झोली में ये सीट आती गई। 2007 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाली विनोद कुमारी ने दो चुनाव में मिली हार का बदला चुकाते हुए लज्जा राम को करीब 3 हजार वोटों से हराया। लेकिन जनता ने 2012 के चुनाव में फिर से कांग्रेस नेता और लज्जा राम के बेटे राम कुमार को चुना और जीत दिलाई।
राम कुमार ने दून विधानसभा चुनाव 2017 के लिए दोबारा नामांकन दाखिल किया है। विरासत में मिली राजनीति राम कुमार के लिए एक संजीवनी है। राम कुमार को एक विवादास्पद नेता के रूप में जाना जाता है। राम का बहुचर्चित ज्योति मर्डर केस में नाम आया था लेकिन बाद में उन्हें अदालत ने बरी कर दिया था। हालांकि इस मामले को लेकर राम बहुत आलोचना झेल चुके हैं। इस चुनाव में राम पर अपने पिता की विरासत को आगे ले जाने का दबाव होगा।
वहीं भाजपा ने इस बार परमजीत सिंह पर दांव आजमाया है। 52 वर्षीय परमजीत सिंह ने पिछला चुनाव कांग्रेस पार्टी से टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय लड़ा था और चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे। ऐसा पहली दफा हो रहा है कि वह किसी राष्ट्रीय पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी जिला परिषद सदस्य भी रह चुके हैं।
इसके अलावा एक जाति विशेष का दबदबा होने के कारण सिर्फ एक ही निर्दलीय उम्मीदवार इंद्र सिंह ठाकुर मैदान में है।
दून विधानसभा में जहां एक तरफ एक बेटे पर अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का भार है तो वहीं दूसरी एक पार्टी अपनी जड़ें तलाशने की कोशिश कर रही है।
फैसले की घड़ी नजदीक है तो सियासी हलचल बढ़ना लाजमी है। हिमाचल प्रदेश में मतदान 9 नवंबर को होना है।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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