नेशनल
जो कभी वर्ल्ड बैंक में थे, वही आज भारत की रैंकिंग पर उठा रहे सवाल : पीएम
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में व्यापार करने में आसानी के संबंध में वर्ल्ड बैंक की रपट, जीएसटी और अन्य सुधार कार्यक्रमों पर सवाल उठाने को लेकर शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने विश्व बैंक की उक्त रैंकिंग में आगे और सुधार का होने की संभावना जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग पहले विश्व बैंक के साथ काम कर चुके हैं, वे अब विश्व बैंक की रपट में भारत के दर्जे पर संदेह जता रहे हैं।
प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित ‘इंडिया बिजनेस रिफॉर्म्स’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “कुछ लोग विश्व बैंक की रैंकिंग में भारत का 142 से ऊपर उठकर 100वें स्थान पर जाने के प्रभाव को नहीं समझे हैं, क्योंकि इससे उनपर कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन मैं 142 से 42 स्थान ऊंचा उठने के बाद सोया हुआ महसूस नहीं करता हूं।”
मोदी ने कहा, “मैं वह प्रधानमंत्री हूं, जिसने विश्व बैंक का भवन भी नहीं देखा है। जबकि जो पिछली सरकार में थे, वे विश्वबैंक को अच्छी तरह जानते हैं। वे अब विश्व बैंक की इस रैंकिंग पर सवाल उठा रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि इस साल रैंकिंग में भारत की ओर से अब तक की सबसे बड़ी छलांग यानी 30 स्थान ऊपर पहुंचने के बाद मैं ‘सो’ नहीं रहा हूं, बल्कि और ज्यादा कुछ करना चाहता हूं।
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि 2018 में भारत इससे भी बेहतर दर्जा हासिल करेगा, क्योंकि वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को लेकर कारोबारियों के जो मसले हैं, उनको सरकार ने सकारात्मक ढंग से स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि रैंकिंग में सिर्फ मई के अंत तक शुरू किए गए सुधारों को शामिल किया गया है। जाहिर है कि इसमें जीएसटी का कोई प्रभाव नहीं है, क्योंकि जीएसटी तो एक जुलाई को लागू किया गया था।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से देश के सवा सौ करोड़ लोगों को महज एक बाजार एक कर की अवधारणा के साथ एकीकृत नहीं किया गया है, बल्कि उनको स्थायी व पारदर्शी कर-व्यवस्था प्रदान की गई है। मोदी ने कहा, “इस सुधार कार्यक्रम के अलावा जो अन्य कदम पहले ही उठाए गए हैं, उनके प्रभाव दिखने में अभी वक्त लगेगा, जिसके बाद ही विश्व बैंक का ध्यान उस ओर जाएगा। जाहिर है कि उसके बाद भारत की रैंकिग में सुधार होगा। इन सभी सुधार कार्यक्रमों के सम्मिलित प्रभाव से मेरा भरोसा बढ़ा है कि 2018 में भारत विश्व बैंक की रिपोर्ट में गौरव का स्थान हासिल करेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सरकार ने जीएसटी लाने का फैसला किया तो लोगों को इसके लागू होने को लेकर यकीन नहीं हो रहा था। कर-सुधार लागू करने के तीन महीने बाद जीएसटी परिषद की बैठक में कारोबारियों, व्यवसायी समुदायों के उठाए मसलों पर ध्यान दिया गया।
उन्होंने बताया कि 9-10 नवंबर को जीएसटी परिषद की बैठक में इसमें जरूरी बदलाव किए जाएंगे। मोदी ने जीएसटी को भारत के इतिहास में सबसे बड़ा कर सुधार बताया और कहा कि इससे वैश्विक आंकाक्षों की भी पूर्ति हुई है। उन्होंने कहा कि देश और 1.25 अरब देशवासियों के लिए बदलाव लाना ही उनका मिशन है। मोदी ने कहा कि भारत आज उस स्थिति में आ चुका है, जहां से सुधार लाना ज्यादा आसान है।
मोदी ने अर्थव्यवस्था के संबंध में कहा कि हमारी मेहनत रंग लाई है और देश में कारोबारी सुगमता का माहौल बनाने लिए हमारे जबरदस्त सुधार के कार्यो को मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि तीन साल के अल्प समय में हम विश्व बैंक की सूची में 42 स्थान ऊपर पहुंच चुके हैं। भारत ने इस मामले में अब तक सबसे ज्यादा तरक्की की है।
मोदी ने कहा कि व्यापार करने में आसानी में भारत की ओर से लगाई गई छलांग सुशासन यानी गुड गवर्नेस की मिसाल है। उन्होंने रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म को अपना मंत्र बताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश में निवेश के माहौल में सुधार ला रही है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई के 90 फीसदी से ज्यादा प्रस्तावों को स्वचालित मार्गो के जरिए स्वीकार किए जा रहे हैं। देश में अभी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश उच्चतम स्तर पर है। कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पिछले तीन साल में 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।
प्रौद्योगिकी की प्रमुखता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से शासन प्रणाली को उन्नत बनाया जाना चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के साथ-साथ हमें अपनी मानसिकता भी बदलने की जरूरत है। जरूरत से ज्यादा नियंत्रण रखने वाली अतीत की मानसिकता की जगह हमें न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का विचार अपनाना चाहिए।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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