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बिजनेस

मारुति वालों के लिए अच्छी खबर, वापस मिल सकती है कार की पूरी कीमत

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नई दिल्ली। अगर आपके पास मारुति की कार है और उसमें कोई खराबी आ गई है तो मारुति आपको कार की पूरी कीमत लौटाएगी। दरअसल, गाडिय़ों में खामियों को अगर कंपनी ठीक नहीं करती तो ऐसा उसे करना होगा। हाल ही में ऐसा ही एक मामले सामने आया है, जब देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपने एक मॉडल में आई खराबी को ठीक नहीं कर पाई। मामला उपभोक्ता आयोग (कंज्यूमर कमिशन) पहुंचा तो फैसला ग्राहक के पक्ष में आया और मारुति को कार की कीमत वापस देने का आदेश दिया गया।

दरअसल आंध्र प्रदेश के रहने वाले डॉ. केएस किशोर ने 10 जनवरी 2003 को मारुति सुजुकी ऑल्टो एलएक्स 800 कार खरीदी थी। इस कार को उन्होंने 3.3 लाख रुपए में खरीदा। ग्राहक के मुताबिक, इस कार को दूसरे, तीसरे और चौथे गियर में चलाने पर जर्क महसूस होता था और आवाज आती थी।

कम्पनी इस कमी को ठीक नहीं कर पायी। इसके बाद ग्राहक ने कई बार इसकी शिकायत डीलरशिप पर की और काफी समय भी बर्बाद किया लेकिन कार की दिक्कत ठीक नहीं हुई। इसके बाद डॉ. किशोर ने सर्वोच्च उपभोक्ता आयोग का रुख किया। उपभोक्ता आयोग ने इस मामले में सुनवाई के बाद मारुति को निर्देश दिया कि वह ग्राहक को कार की पूरी कीमत वापस लौटा दें क्योंकि कंपनी कार में आई खराबी को दूर करने में नाकाम रही है।

इसके साथ ही उपभोक्ता पैनल ने कहा कि अगर किसी भी गाड़ी में खराबी आती है तो गाड़ी बनाने वाली कंपनी को उस खराबी को दूर करना होगा। अगर कंपनी वह खराबी दूर नहीं कर पाती है तो उसे गाड़ी के सारे पैसे ग्राहक को देने पड़ेगे जितने में उसने खरीदी है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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