अन्तर्राष्ट्रीय
मुगाबे और उनकी पत्नी के खिलाफ अदालत में कोई मामला नहीं चलेगा
हरारे, 23 नवंबर (आईएएनएस)| जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे और उनकी पत्नी ग्रेस को अभियोजन से मुक्ति प्रदान की गई है। सेना ने गुरुवार को कहा कि दोनों को देश में रहने की अनुमति भी दी गई है। ‘
‘सीएनएन’ ने जिम्बाब्वे रक्षा बलों के प्रवक्ता कर्नल ओवरसन मुग्विसी के हवाले से बताया कि 93 वर्षीय पूर्व नेता के साथ समझौता किया गया है जिसमें अभियोजन से मुक्ति और उनके एवं उनकी पत्नी के लिए सुरक्षा की गारंटी शामिल है।
मुगाबे ने मंगलवार को 37 वर्ष तक चले अपने शासनकाल को खत्म करते हुए इस्तीफा दे दिया। उन पर अपने विपक्षी क्षेत्रों में अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए 1980 के दशक के मध्य में नरसंहार का आदेश देने का आरोप लगता रहा है जिसमें 20,000 तक लोग मारे गए थे। उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगते रहे हैं।
लेकिन, रंगभेद के खिलाफ देश की स्वाधीनता संग्राम के वह नायक भी रहे हैं।
सेना द्वारा हरारे पर कब्जा करने और मुगाबे को नजरबंद करने के बाद उन्होंने एक हफ्ते तक सेना के साथ अपने सत्ता से हटने पर बातचीत की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक लम्बी प्रक्रिया में सैन्य अधिकारियों ने मुगाबे की मांगें मंजूर कीं और उनके पद से हटने से पहले मुगाबे को अपनी कई संपत्तियों को रखने की भी अनुमति दी।
मुगाबे के पूर्व साथी एमरसन म्नांगाग्वा अंतरिम राष्ट्रपति का पदभार संभालने के लिए बुधवार को देश वापस लौटे। उन्होंने वादा किया कि वह देश में नया लोकतंत्र लाएंगे। वह शुक्रवार को शपथ लेंगे।
वापस लौटने के बाद ‘द क्रोकोडाइल’ के नाम से जाने-जाने वाले म्नांगाग्वा ने समर्थकों से कहा, जनता ने बोला हैं। जनता की आवाज भगवान की आवाज है।
म्नांगगवा ने कहा, मैं आपका दास बनने की प्रतिज्ञा करता हूं। मैं जिम्बाब्वे के सभी वास्तविक देशभक्तों से एक साथ आने की अपील करता हूं। हम साथ काम करते हैं। हम अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहते हैं। हम हमारे देश में शांति और नौकरियां चाहते हैं।
इस महीने की शुरुआत में म्नांगाग्वा की बर्खास्तगी ने देश को एक राजनीतिक संकट में धकेल दिया और सेना प्रमुखों को राजधानी पर नियंत्रण करने और मुगाबे का नजरबंद करने के लिए प्रेरित किया।
मुगाबे ने शुरुआत में इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था लेकिन संसद द्वारा महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने के बाद उन्होंने मंगलवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
-
उत्तराखंड3 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड3 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
राजनीति3 days ago
महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें
-
प्रादेशिक3 days ago
यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
-
मध्य प्रदेश3 days ago
24 से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी प्रवास पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, प्रदेश में निवेश लाना है मकसद
-
अन्य राज्य3 days ago
महाराष्ट्र और झारखंड में वोटिंग करने के लिए पीएम मोदी ने की खास अपील
-
बिहार3 days ago
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निकालेंगे महिला संवाद यात्रा, 225 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव
-
प्रादेशिक3 days ago
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार