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न्यायालय ने उत्तरी बंगाल से सुरक्षा बलों की चार कंपनियों को हटाने की अनुमति दी

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नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित दार्जिलिंग और क्लिमपोंग इलाके से केंद्रीय सुरक्षा बल चार कंपनियां वापस करने की मंजूरी दे दी है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. कानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की न्यायपीठ की ने केंद्र को इन जिलों से केंद्रीय सुरक्षा बल की चार कंपनियां वापस करने की अनुमति प्रदान की है।

इससे पहले महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) के. के. वेणुगोपाल शीर्ष अदालत को सूचित किया कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग व कलीमपोंग जिले में स्थिति नियंत्रण में है।

वेणुगोपाल ने अदालत को यह भी बताया कि वहां सिक्किम को जाने वाले राजमार्ग पर ईंधन समेत वस्तुओं की आवाजाही व यातायात अबाध रूप से चल रही है।

दरअसल केंद्र सरकार अलग गोरखा राज्य की मांग को लेकर आंदोलन से प्रभावित पश्चिम बंगाल के इन क्षेत्रों से केंद्रीय सुरक्षा बल की पूरी तरह वापसी चाहती थी।

लेकिन केंद्र की दलील का पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से विरोध किया गया, जिसपर केंद्र की ओर से न्यायपीठ को बताया गया कि स्थिति की समीक्षा के आधार पर सिर्फ केंद्र सरकार ही सुरक्षा बलों की तैनाती या वापसी का फैसला कर सकती है।

पूर्व में अदालत ने केंद्र को विधानसभा चुनाव को लेकर हिमालय प्रदेश व अन्य इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के इन जिलों से केंद्रीय सुरक्षा बलों की सात कंपनियां वापस करने की अनुमति प्रदान की थी।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सोमवार को शीर्ष अदालत को बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरा हो गया है इसलिए दार्जिलिंग और क्लिमपोंग से सुरक्षा बलों को हटाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

केंद्र ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है जिसमें केंद्र सरकार की ओर से केंद्र सरकार अलग गोरखा आंदोलन को लेकर हिंसा प्रभावित पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और क्लिमपोंग इलाके से केंद्रीय सुरक्षा बलों की वापसी के आदेश को खारिज कर दिया गया था।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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