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महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता: सुतापा सान्याल

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अध्यक्षा डा. विशाखा त्रिपाठी, श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी

कुण्डा (प्रतापगढ़)।  महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है और मुख्यमंत्री के निर्देशों पर गठित उत्तर प्रदेश पुलिस के महिला सम्मान प्रकोष्ठ के द्वारा पूरे प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए लागू किए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है । जगदगुरु कृपालु महिला महाविद्यालय द्वारा महिला सशक्तीकरण पर आयोजित एक परिचर्चा में मुख्य अतिथि तौर पर बोलते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, महिला सम्मान प्रकोष्ठ एवं मानवाधिकार सुतापा सान्याल ने यह बात कही।

कुण्डा क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों से आई करीब चार हजार छात्राओं को संबोधित करते हुए सुतापा सान्याल ने कहा कि आज के दौर में जरुरत इस बात की है कि बालिकाएं अपने अधिकारों के बारे में सचेत रहें और किसी भी तरह के उत्पीड़न के विरुद्ध आवाज उठाएं । आधुनिक दौर में इंटरनेट तथा संचार के अन्य माघ्यमों एवं सोशल मीडिया के प्रयोग में सावधानी बरतने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकती है जब पूरे समाज की मानसिकता में बदलाव हो । उन्होंने कहा कि समाज में लिंग आधारित भेदभाव को दूर करने के लिए सरकार के साथ साथ गैर सरकारी संगठनों तथा विशेषज्ञों को मिलकर काम करने की जरुरत है । उन्होंने कहा किsutapa sanyal ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आॅनलाईन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा के साथ साथ महिला सम्मान प्रकोष्ठ के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाओं और महिलाओं को सिटीज़न कैडेटस के तौर पर भी पुलिस विभाग से जोड़ा जाएगा ।

सेमिनार में अपने विचार रखते हुए इरा संगठन के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पवन राणा ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जरुरत इस बात की है कि मौजूदा कानूनों को प्रभावशाली तरीके से लागू किया जाए । उन्होंने कहा कि सिविल सोसाईटी को भी इसमें बढ़चढ़ कर अपनी भूमिका निभाने की जरुरत हैै । अनुपमा फाउंडेशन की प्रमुख अनुपमा सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आज के दौर में लड़कियों को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की जरुरत है । उनका कहना था कि समाज में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा । अंर्तराष्ट्रीय एन.जी.ओ. एक्शन ऐड की कार्यक्रम अधिकारी मनीषा भाटिया ने कहा कि स्कूलों के पाठ्यक्रमों में बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने से संबंधित विषय भी पाठ्यक्रमों का हिस्सा होने चाहिए । उन्होंने कहा कि बालिकाएं खुद को सशक्त समझें और जहां भी उन्हें लगता है कि कुछ गलत हो रहा है वहां सवाल उठाने से न चूकें ।

सेमिनार से पूर्व आयोजित वार्षिक पुरस्कार समारोह में जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा संचालित सभी संस्थानों में शैक्षिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को मुख्य अतिथि सुतापा सान्याल एवं जगद्गुरु कृपालु परिषत् की अध्यक्षा डा. विशाखा त्रिपाठी, श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी द्वारा पुरस्कृत किया गया ।  पुरस्कृत होने वालों में कृपालु बालिका प्रायमरी स्कूल की 22 छात्रायें, कृपालु बालिका इण्टरमीडिएट काॅलेज की 27 छात्रायें व कृपालु महिला महाविद्यालय की 36 शामिल थीं । इण्टरमीडिएट काॅलेज के यमुना सदन को भी पुरस्कृत किया गया । पुरस्कार वितरण समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में गणपति वन्दना एवं बेटी बचाओ नृत्य नाटिका का मनोहर मंचन छात्राओं द्वारा किया गया । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ । इस अवसर पर शिक्षण संस्थान की शिक्षिकाएं और बढ़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे । संस्था के प्रंबधक रजनीश पुरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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