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उत्तराखंड

उत्तराखंड में यहां ‘खुदा’ के नाम से पूजे जाते हैं भगवान शिव

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देहरादून। कहते हैं भगवान एक है। वह हर जगह बस एक ही रूप में रचा बसा हुआ है लेकिन फिर भी लोग इसपर राजनीति करने से बाज नहीं आते हैं। इस बीच उत्तराखंड के मुनस्यारी तहसील के दर्जन भर गांवों में एक अनोखी पूजा शुरू हो गई है। इस पूजा का नाम ‘खुदा पूजा’ है, जिसमें भगवान शिव के ‘अलखनाथ’ स्वरूप की पूजा होती है।

वैसे तो यह पूजा विषम वर्षों में होती है लेकिन कुछ गांवों में बारह साल के बाद होती है। मार्गशीर्ष और पौष माह में शुक्ल पक्ष में होने वाली यह पूजा तीन से लेकर बाइस दिन तक चलती है। यह अनूठी पूजा इस बार यहां सोमवार से शुरू हुई है। यहां खुदा के नाम पर शिव की पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

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इस पूजा के पहले दिन श्रद्धालु पूजा में काम आने वाले देवडांगरों को गाजे-बाजे के साथ पवित्र नदियों, नौलों में स्नान कराते हैं। पूजा स्थल को जलाभिषेक और पंचामृत छिड़क कर उसे पवित्र किया जाता है। दिन में अलखनाथ, दुर्गा, कालिका के साथ स्थानीय देवी देवताओं की स्थापना की जाती है। सायं काल को गणेश पूजन के साथ महाआरती होती है।

आरती के बाद श्रद्धालु  अलखनाथ की गाथा का गायन करते हैं। इसके बाद देवता अवतरित होते हैं और ढोल नगाड़ों की थाप पर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।

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इस पूजा के पीछे एक मान्यता भी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि मुगल शासनकाल में गांव के लोगों को पूजा करते हुए मुगलों ने देख लिया था। मुगलों ने जब उनसे इसके बारे में पुछा तो उन्होंने खुदा की पूजा करने की बात कही। खुदा की पूजा का नाम सुनकर मुगलों ने ग्रामीणों को इसकी अनुमति दे दी। तभी से इसका नाम ‘खुदा पूजा’ पड़ गया। चार सदियों के बाद भी भगवान अलखनाथ की पूजा खुदा पूजा के नाम पर ही हो रही है।

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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