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भागवत के बयान पर विवाद, बोले-मदर टेरेसा की सेवा के पीछे धर्मांतरण

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भरतपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा के संदर्भ में विवादित बयान दिया है। उन्होंने मदर टेरेसा द्वारा भारत में दी गई सेवाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी गरीबों की सेवा के पीछे का मुख्य उद्देश्य ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराना था। हालांकि मामले के तूल पकड़ने पर संघ ने सफाई दी है कि भागवत के बयान को पूरे संदर्भ में देखना चाहिए। उन्होंने मदर टेरेसा की आलोचना नहीं बल्कि उनकी तारीफ की थी।

सोमवार को एक गैर सरकारी संगठन की ओर से आयोजित समारोह में संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि मदर टेरेसा की सेवा अच्छी रही होगी। परंतु इसमें एक उद्देश्य हुआ करता था कि जिसकी सेवा की जा रही है उसका ईसाई धर्म में धर्मांतरण किया जाए। भागवत यही पर नहीं रुके, उन्होंने यह भी कहा कि सवाल सिर्फ धर्मांतरण का नहीं है लेकिन अगर यह (धर्मांतरण) सेवा के नाम पर किया जाता है तो सेवा का मूल्य खत्म हो जाता है परंतु यहां (एनजीओ) का उद्देश्य विशुद्ध रूप से गरीबों की सेवा करना है। सरसंघचालक यहां से करीब आठ किलोमीटर दूर बजहेरा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि भारत में चार दशक से ज्यादा मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्था के तहत गरीबों और लाचारों सेवा करने वाली रोमन कैथोलिक नन मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार और 1980 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

हालांकि बाद में संघ ने सफाई दी कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। संगठन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया, “मीडिया गलत तरीके से रिपोर्ट दे रहा है। भरतपुर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व महानिदेशक ने कहा था कि मदर टेरेसा ने उद्देश्य के साथ सेवा की थी। इसके जवाब में भागवत ने कहा था कि जैसा कि डॉ. एम. वैद्य ने कहा है कि मदर टेरेसा के सेवा का उद्देश्य था, लेकिन हम बदले में किसी चीज की अपेक्षा किए बगैर सेवा करते हैं।”

गौरतलब है कि सोमवार से बजट सत्र शुरू हो चुका है। ऐसे में मोहन भागवत के कथित बयान के चलते संसद में हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं। संसद में विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार का घेराव कर सकता है। संसद का पिछला सत्र भी आगरा व अलीगढ़ में धर्मांतरण की कोशिशों को लेकर बाधित हुआ था और कई दिन तक कामकाज नहीं हो सका था।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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