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बिजनेस

नई रियल एस्टेट परियोजनाओं की लांचिंग गिरी : नाइट फ्रैंक

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में नई आवासीय परियोजनाओं की लांचिंग साल 2017 में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है तथा पिछले वर्ष के मुकाबले क्षेत्र में नए घरों की आपूर्ति भी काफी कम दर्ज की गई है। 2017 की दूसरी छमाही में नई परियोजनाओं में 25 फीसदी की कमी दर्ज गई। नाइट फ्रैंक इंडिया ने बुधवार को अपनी अर्धवार्षिक रिपोर्ट-इंडिया रियल एस्टेट के आठवें एडीशन में यह जानकारी दी। यह रिपोर्ट जुलाई-दिसंबर 2017 (2017 की दूसरी छमाही) की अवधि के लिए एनसीआर में आवासीय और ऑफिस (कार्यालय) बाजार के प्रदर्शन का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।

इस रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 में आवासीय बिक्री में 6 फीसदी की गिरावट आई, पर 2017 की दूसरी छमाही में 2016 की दूसरी छमाही की तुलना में 21 फीसदी की बढ़ोतरी का रुझान दर्ज किया गया। 2016 में सस्ते घरों की शुरू की गई कुल 53 फीसदी नई परियोजनाओं में काफी तेजी दर्ज की गई और 2017 में इनकी संख्या बढ़ कर 83 फीसदी हो गई है। जिससे ये स्पष्ट संकेत मिलता है कि डेवलपर्स अब 50 लाख रुपये के मूल्य वाले दायरे में ही नई प्रॉपर्टीज को प्रस्तुत करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। हरियाणा सरकार की प्रोत्साहन योजनाएं भी इस बदलाव का एक महत्वपूर्ण संचालक रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि एनसीआर में चुने गए माइक्रो बाजारों में 2017 की दूसरी छमाही में लांच किए गए आवासीय परियोजनाओं में गुरुग्राम सबसे प्रमुख रहा है और क्षेत्र की कुल 54 फीसदी परियोजनाएं गुरुग्राम में ही लांच हुई हैं, जबकि नोएडा में नई परियोजनाएं 77 फीसदी और ग्रेटर नोएडा में 76 फीसदी तक कम हो गई हैं।

2015 में अपने चरम पर पहुंचने के बाद से घरों की औसत कीमतों में 2017 की दूसरी छमाही में 9 फीसदी की तेज गिरावट दर्ज की गई। 2017 की दूसरी छमाही में बिकी हुई इन्वेंट्री में 13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

रिपोर्ट में कहा गया कि एनसीआर के रियल एस्टेट बाजार को अपने अनबिके घरों के स्टॉक को खत्म करने में कम से कम 5 साल का समय लगेगा और यह देश के सबसे उच्चतम इन्वेंट्री वाले बाजारों में से एक है।

2017 की दूसरी छमाही में ऑफिस लीजिंग में वार्षिक आधार पर 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। लगभग 2.3 लाख वर्ग फुट का नया ऑफिस स्टॉक 2017 की दूसरी छमाही में बाजार में प्रवेश कर चुका है, जो 27 फीसदी की मजबूत वृद्धि दर्ज करता है, हालांकि ये एक छोटा आधार ही है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक मुदस्सिर जैदी ने बताया, साल 2017 भी एनसीआर के आवासीय बाजार में नई परियोजनाओं के लांच में कोई उत्साह नहीं लाया और कई अन्य कारणों से बिक्री में भी और कमी दर्ज की गई है क्योंकि बिक्री के लिए अधिक प्रोत्साहन ना मिलने और नीतिगत पहल जैसे रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 और उत्पाद और सेवा कर (जीएसटी) जैसे प्रावधानों ने भी बिक्री पर असर डाला है।

उन्होंने कहा, एनसीआर में रियल एस्टेट बाजार 2010 में अपने चरम पर था, उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट जारी है और 2017 में भी इसने नीचे की तरफ ही गोता लगाया है। इसे देखते हुए डेवलपर्स ने सावधानी बरतते हुए साल 2017 की शुरुआत से ही नई परियोजनाओं को लांच करना रोक दिया था, जिसके कारण 2016 में 26,734 यूनिट्स के लांच के मुकाबले 2017 में ये 56 फीसदी की तेज गिरावट के साथ सिर्फ 11,726 यूनिट्स ही रह गए।

उन्होंने कहा, एनसीआर में अनबिके घरों की संख्या 2017 के दिसंबर तक लगभग 1,66,831 थी और बिक्री के मौजूदा रुझानों को देखते हुए इनको बेचने में चार साल से अधिक का समय लगेगा। सस्ते घर और कीमतों में 10-15 फीसदी तक की बड़ी छूट ने ही अधिकांश बिक्री को प्रोत्साहित किया है। इस प्रकार एनसीआर अब धीरे-धीरे एक खरीदार के बाजार में बदल रहा है।

एनसीआर के ऑफिस मार्केट (कार्यालय बाजार) में 2017 की दूसरी छमाही में भी गिरावट जारी रही। 2017 की दूसरी छमाही में कुल 32 लाख वर्गफीट ऑफिस स्पेस के लीजिंग करार किए गए, जो साल 2016 में इसी अवधि की तुलना में 14 फीसदी कम है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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