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नेशनल

फिर अन्ना के मंच पर पहुंचे केजरीवाल, सचिवालय आने का न्योता दिया

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नई दिल्ली। जंतर-मंतर एक बार फिर समाजसेवी अन्ना हजारे और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के एक साथ आने का गवाह बना। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन में मंगलवार को केजरीवाल भी शामिल हुए। इस दौरान केजरीवाल और हजारे एक बार फिर उसी तरह नजर आए, जैसे 2010 में लोकपाल आंदोलन के वक्त थे। मंच पर अरविंद केजरीवाल को ठीक अन्ना के बगल में जगह मिली। यहां अपने संबोधन में केजरीवाल ने अन्ना को दिल्ली सचिवालय आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि अन्ना दिल्ली सचिवालय आएं और वहां सभी विभागों के प्रमुखों को संबोधित करें, ताकि हम सभी को सही दिशा में काम करने की प्रेरणा मिले।

हालांकि पहले अन्ना ने कहा था कि केजरीवाल को मंच पर जगह नहीं मिलेगी। उन्हें साधारण कार्यकर्ताओं के बीच में ही बैठना होगा। फिर उन्होंने कहा कि केजरीवाल का स्वागत करेंगे क्योंकि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं और उसी हैसियत से उन्हें मंच पर जगह मिलेगी। लेकिन मंगलवार सुबह अन्ना फिर पलट गए और कहा कि किसी राजनीतिक दल को मंच पर जगह नहीं देंगे क्योंकि वह अपने आंदोलन को किसी एक पार्टी से नहीं जोड़ना चाहते। हालांकि जब केजरीवाल जंतर-मंतर पर आए तो ठीक विपरीत अन्ना के करीब जगह दी गई।

मंच से अपने संबोधन में अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे को दिल्ली सचिवालय ‘शुद्ध’ करने के लिए बुलाया।  उन्होंने कहा कि अन्ना को मैं हमेशा अपना गुरु मानता हूं, अपना पिता समान मानता हूं। एक और निवेदन मैं अन्नाजी से करना चाहता हूं कि अन्नाजी 10 मिनट के लिए हमारे सचिवालय में चरण रखें तो हमारा सचिवालय शुद्ध हो जाएगा। वह 10 मिनट के लिए आएं और सभी विभाग के इंचार्जों से मिलें, हमें प्रेरणा मिलेगी।

केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के अंदर किसी की भी जमीन का जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं करने दिया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का सीएम होने के नाते मैं यह ऐलान करता हूं कि दिल्ली में जमीन का मुद्दा भले ही केंद्र सरकार के अधीन आता है, लेकिन राज्य सरकार अपनी पूरी ताकत से जहां तक हो सकेगा यह सुनिश्चित करेगी कि यहां किसी की जमीन का अधिग्रहण जबरन नहीं होने दिया जाए। केजरीवाल ने कहा कि जो सरकार गरीबों और किसानों के खिलाफ कानून लाएगी, जनता उन्हें सबक सिखाएगी। सरकार यदि विकास करना चाहती है, स्कूल और अस्पताल खोलना चाहती है, मेट्रो बनाना चाहती है और जनता को सुविधाएं देना चाहती है तो जनता खुशी-खुशी अपनी जमीन देती है। उन्होंने कहा, “यदि हम देश का विकास करना चाहते हैं, तो जनता को साथ लेकर चलना पड़ेगा। अगर जनता पर बुल्डोजर चलाएंगे तो जनता आप पर बुल्डोजर चला देगी।” उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में जबरदस्ती जमीन नहीं छीनने देगी और जब भी जमीन ली जाएगी तो इसका पूरा मुआवजा दिया जाएगा।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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