Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

पेपर स्ट्रिप से 10 मिनट में इबोला की पहचान संभव : एमआईटी

Published

on

मैसाचुसेट्स-इंस्टीच्यूट-ऑफ-टेक्नोलॉजी,इबोला,डेंगू,पीला-बुखार,स्ट्रेप-थ्रोट,नारंगी,वीजिटिंग-वैज्ञानिक

Loading

वाशिंगटन | मैसाचुसेट्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसा पेपर स्ट्रिप विकसित किया है जिससे इबोला के साथ ही साथ डेंगू और पीला बुखार जैसे अन्य बुखारों का 10 मिनट में पता लगाया जा सकता है। नया उपकरण गौण तकनीक पर आधारित है जिसका इस्तेमाल गर्भ की जांच करने में होता है और हाल ही में स्ट्रेप थ्रोट और अन्य बैक्ट्रियल संक्रमण की जांच में इसका उपयोग किया जा चुका है। मौजूदा अधिकांश पेपर परीक्षण से केवल एक बीमारी की जांच की जा सकती है। एमआईटी का नया स्ट्रिप कलर-कोडेड होते हैं, इसलिए इनका कई बीमारियों के निर्धारण में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसको हासिल करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने त्रिभुजाकार सूक्ष्मकणों का इस्तेमाल किया। ये सूक्ष्मकण सिल्वर के बने थे जो विभिन्न रंगों को उनके आकार के हिसाब से ले सकते थे। अनुसंधानकर्ताओं ने लाल, नारंगी और हरे सूक्ष्मकणों को तैयार किया और उन्हें एंटीबडीज के साथ जोड़ा। ये इबोला, डेंगू और पीला बुखार को पहचनान सकते थे। जैसे ही एक रोगी के रक्त का सीरम स्ट्रिप के साथ प्रवाहित होता है, कोई भी वायरल प्रोटीन स्ट्रिप पर पेंट किए गए एंटीबाडीज के साथ मैच कर जाता है तो वह पकड़ में आ जाता है और सूक्ष्मकण दिखने लगता है। इसे खुली आंखों से देखा जा सकता है। वे लोग जिनकी आंखें रक्त दृष्टि नहीं रखते उनके लिए सेल फोन का कैमरा कलर के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। एमआईटी के यांत्रिकी अभियंत्रण विभाग में वीजिटिंग वैज्ञानिक किमबर्ले हैमड स्किफर्ली ने कहा, “जब हम रोगी के नमूने को स्ट्रिप से गुजारते हैं और आपको नारंगी रंग का बैंड दिखाई देता है तो आप जान लें कि उन्हें पीला बुखार है, यदि यह लाल बैंड दिखाता है तो जान लें उसे इबोला हुआ है। और यदि यह हरा दिखाता है तो हम जान लें कि उसे डेंगू हुआ है।”

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

Continue Reading

Trending