अब आप सोच रहे होंगे कि पत्नी के रहते हुए सुखराम बैरवा ने दूसरी शादी क्यों की और वो भी 83 साल की उम्र में। दरअसल, सुखराम और उनकी पहली पत्नी बत्तो बैरवा के तीन बच्चे थे। दो बेटियां और एक बेटा। बेटियों की शादी हो गई और बेटा का 30 साल की उम्र में किसी बीमारी के कारण देहांत हो गया। दोनों नेे अपना वारिस खो दिया। ऐसे में अपने वारिस की चाहत पूरी करने के लिए वृद्ध जोड़े ने अनोखा कदम उठाया।
वंश वृद्धि की चाहत में ही सुखराम बैरवा और उनकी पत्नी बत्तो ने सलाह-मश्वीरा किया और इस बात पर राजी हुए कि क्यों ना दूसरी शादी कर ली जाए. पत्नी की सहमति मिलने के बाद सुखराम ने अपने से 53 साल छोटी लड़की से शादी कर ली।
सुखराम ने बताया कि बेटे की मृत्यु के बाद उनके सामने वंशवृद्धि का संकट पैदा हो गया। इसके बाद उन्होंने पूत्र प्राप्ति के लिए दूसरी शादी करने का फैसला लिया। सुखराम और पहली पत्नी बत्तो बैरवा ने कहा कि उनके पास काफी जमीन-जायदाद हैं। इसे संभालने वाला कोई वारिस तो चाहिए। इसी उम्मीद में यह दूसरी शादी उनकी सहमति पर रचाई गई है।