Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

खेल-कूद

विश्व कप में कई बार चमके भारतीय गेंदबाज

Published

on

indian-bowling-in world-cup

Loading

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने शनिवार को आईसीसी विश्व कप-2015 के पूल-बी के अपने तीसरे मैच में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ इतिहास रच दिया। भारतीय गेंदबाजों ने धारदार गेंदबाजी करते हुए यूएई की पारी 102 रनों पर समेट दी, जो विश्व कप में भारत के खिलाफ किसी टीम का न्यूनतम स्कोर है। आइए नजर डालते हैं भारतीय गेंदबाजों द्वारा विश्व कप में खेली गई ऐसी पांच नायाब पारियों पर :

1. यूएई (102 रन) : आईसीसी विश्व कप-2015 के ग्रुप चरण के तहत वाका स्टेडियम में हुए विश्व कप के 21वें मैच में भारत ने स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (25/4) की अगुवाई में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी यूएई का पारी 102 रनों पर समेट दी। अश्विन ने करियर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की तथा उमेश यादव और रवींद्र जडेजा का भी उन्हें भरपूर साथ मिला। यादव और जडेजा ने दो-दो विकेट चटकाए। भारत यह मैच नौ विकेट से जीतने में कामयाब रहा।

2. श्रीलंका (109 रन) : दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे की संयुक्त मेजबानी में 2003 में हुए आईसीसी विश्व कप के सुपर सिक्स के चौथे मैच में श्रीलंका की पारी भारत से मिले 293 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 109 रनों पर धराशायी हो गई थी। भारत की लिए इस मैच में दिग्गज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ और आशीष नेहरा ने चार-चार विकेट चटकाए थे। भारत यह मैच 183 रनों के विशाल अंतर से जीतने में कामयाब रहा था। तीनों भारतीय तेज गेंदबाजों जहीर खान, जवगल और नेहरा ने इतनी शानदार गेंदबाजी की थी कि उनके सिवा किसी और से गेंदबाजी नहीं करवाई गई।

3. ईस्ट अफ्रीका (120 रन) : इंग्लैंड की मेजबानी में 1975 में हुए पहले विश्व कप के अपने दूसरे ग्रुप मैच में मदन लाल की अगुवाई में भारतीय टीम ने ईस्ट अफ्रीका को 55.3 ओवरों में 120 रनों पर समेट दिया था। गौरतलब है कि तब मैच 60-60 ओवर के हुआ करते थे। मदन लाल ने इस मैच में 9.3 ओवरों में 15 रन देकर तीन विकेट हासिल किए थे तथा सैयद आबिद अली और बिशन सिंह बेदी का भी उन्हें भरपूर साथ मिला था। आबिद अली ने 12 ओवरों में 22 रन देकर दो विकेट, जबकि बेदी ने 12 ओवरों में छह रन देकर एक विकेट चटकाया था। भारत यह मैच 10 विकेट से जीत गया था।

4. आस्ट्रेलिया (129 रन) : आईसीसी विश्व कप-1983 में एक बार फिर मदन लाल ने धारदार प्रदर्शन करते हुए रोजर बिन्नी के साथ ग्रुप-बी में आस्ट्रेलिया के साथ दूसरे मुकाबले में आस्ट्रेलिया की पारी 129 रनों पर समेट दी थी। मदन लाल और रोजर बिन्नी ने इस मैच में चार-चार विकेट चटकाए थे, और भारत से मिले 248 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी आस्ट्रेलियाई टीम 118 रनों के अंतर से यह मैच हार गई थी। बाद में भारतीय टीम विश्व कप चैम्पियन बनकर उभरी।

5. नामीबिया (130 रन) : आईसीसी विश्व कप-2003 के ही ग्रुप-चरण के अपने चौथे मैच में 23 फरवरी, 2003 को पीटरमारिट्जबर्ग के सिटी ओवल मैदान पर हुए इस मैच में युवराज सिंह (6/4) ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी करते हुए नामीबिया की पारी 130 रनों पर समेट दी थी। सचिन तेंदुलकर और सौरभ गांगुली की शतकीय पारियों के बल पर 311 रन बनाने के बाद भारतीय टीम ने यह मैच 181 रनों के विशाल अंतर से जीत लिया। युवराज ने इस मैच में मात्र 4.3 ओवर गेंदबाजी की और छह रन देकर चार विकेट चटकाए। युवराज के अलावा जहीर खान, हरभजन सिंह और दिनेश मोंगिया ने दो-दो विकेट हासिल किए थे।

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

Continue Reading

Trending