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आध्यात्म

होलिका दहन आज: जानिए क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

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भारत में इस साल 2 मार्च को होली का त्यौहार मनाया जाएगा। इसके लिए लोगों में पहले से ही काफी उत्साह देखा जा रहा है। होली को देखते हुए बाज़ार गुलजार हैं। बाज़ारों में लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। आपको बता दें कि होली का त्यौहार पारंपरिक रूप से दो दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन जबकि दूसरे दिन होली खेली जाती है। देश में होलिका दहन से जुड़ी कई सारी कथाएं काफी विख्यात हैं। पौराणिक कथा, धार्मिक कथा या फिर सामाजिक कथा हर कथा के साथ एक नया संदेश जुड़ा है।

कब नहीं करनी चाहिए होलिका दहन की पूजा

दहन, फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को सूर्यास्त के पश्चात् प्रदोष के समय, जब पूर्णिमा तिथि हो तब करना चाहिए। ऐसा नियम है कि भद्रा काल में होलिका पूजन और होलिका दहन नहीं करना चाहिए। इससे अशुभ फल प्राप्त होता है। इस बार शाम को 7: 39 पर भद्रा समाप्त हो जाएगी इसके बाद से होलिका दहन किया जाना शुभ रहेगा। वैसे शास्त्रों में बताए गए नियमों के अनुसार इस साल होलिका दहन के लिए बहुत ही शुभ स्थिति बनी हुई है।

धर्मसिंधु नामक ग्रंथ के अनुसार होलिका दहन के लिए तीन चीजों का एक साथ होना बहुत ही शुभ होता है। पूर्णिमा तिथि हो, प्रदोष काल हो और भद्रा ना लगा हो। इस साल होलिका दहन पर ये तीनों संयोग बन रहे हैं इसलिए होली आनंददायक और शुभ रहेगी.होलिका दहन के अगले दिन रंग वाली होली जिसे धुलेंडी भी कहा जाता है, मनाई जाती है।

होलिका दहन मुहूर्त

वर्ष 2018 में होलिका दहन 1 मार्च 2018, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी, जिसके अगले दिन यानी, 2 मार्च 2018, शुक्रवार को रंगवाली होली मनाई जाएगी।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त : 7:40 से 9:00 मुहूर्त की अवधि : 1 घंटे 20 मिनट भद्रा : प्रातः8:57 से सायं काल 7:39 तक राहु काल : दोपहर 2:07 से दोपहर 3:34 तक

रंगवाली होली : 2 मार्च 2018 पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 1 मार्च 2018 को प्रातः 08:57 बजे से पूर्णिमा तिथि समाप्त : 2 मार्च 2018 को प्रातः06:21 बजे तक

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IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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