Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

2000 रुपये के नोट को लेकर सरकार ने की अहम घोषणा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। क्या 2016 में नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 के नोट बंद होने वाला है? सरकार ने इस मामले में लोकसभा में सफाई दी है। सरकार का कहना है कि फिलहाल 2000 रुपए के नोट को बंद करने का कोई योजना नहीं है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने लोकसभा में लिखित सवाल के जवाब में दी है।

वित्त राज्य मंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या सरकार का भविष्य में 2000 रुपये के नोट को बंद करने की कोई योजना है तो उन्होंने बताया कि फिलहाल सरकार 2000 रुपये के नोट को बंद करने के प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं कर रही है।

गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद 2000 रुपए के नोटों को सर्कुलेशन से हटाने की पब्लिक में चर्चा का विषय है। इसके कारण इन नोटों को लेने से भी लोग इंकार करते रहते हैं।

बता दें कि 8 नवंबर 2016 की रात पीएम मोदी ने देश में नोटबंदी की घोषणा की थी, जिसके बाद से देश में 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए थे। नोटबंदी के बाद से ही अफवाह आ रही थी जल्द ही 2000 का नोट बंद होने वाले है। इन सभी अफवाहों पर सरकार ने फिलहाल अब पूर्ण विराम लगा दिया है।

सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए लोकसभा में बताया कि देश के पांच शहरों में 10 रुपए के प्‍लास्टिक करेंसी नोट्स का फील्‍ड ट्रायल शुरू करने का फैसला किया गया है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending