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दुष्कर्म के दोषी का साक्षात्कार प्रसारित नहीं होगा : राजनाथ
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार ने 16 दिसंबर को घटी सामूहिक दुष्कर्म की घटना के दोषी व्यक्ति के साक्षात्कार का प्रसारण रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। राज्यसभा और लोकसभा में एक बयान में गृह मंत्री ने कहा कि सरकार 16 दिसंबर, 2012 की घटना की निंदा करती है और व्यावसायिक लाभ के लिए ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
मंत्री ने कहा कि ऐसी सूचना है कि कथित साक्षात्कार बीबीसी-4 पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन आठ मार्च को प्रसारित होना है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने आवश्यक कदम उठाए हैं और वृत्तचित्र के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए अदालत से आदेश भी ले लिए गए हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार 16 दिसंबर, 2012 की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करती है और किसी भी समूह या संगठन को इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर व्यावसायिक लाभ लेने नहीं देगी।” राजनाथ ने कहा कि महिलाओं का आदर और सम्मान हमारी संस्कृति और परंपरा का प्रधान मूल्य है। हमारी सरकार महिलाओं के आदर और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि उन्हें वृत्तचित्र की जानकारी से निजी चोट पहुंची है।
उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहूंगा। मुझे जैसे ही इसकी सूचना मिली, मुझे इससे निजी चोट पहुंची। मैंने तत्काल संबंधित अधिकारियों से बात की और निर्देश दिया कि यह किसी भी स्थिति में प्रसारित न हो पाए और अदालत से इसके प्रसारण पर रोक लगाने के लिए पिछली रात आदेश भी ले लिए गए।” मंत्री ने कहा कि उन्होंने यह जानकारी मंगवाई है कि किस आधार पर साक्षात्कार की इजाजत दी गई।
उन्होंने लोकसभा में कहा कि भविष्य में हम दुष्कर्मी के साक्षात्कार की इजाजत नहीं देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो (अनुमति देने की) जिम्मेदारी तय की जाएगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार कोशिश करेगी कि यह साक्षात्कार अंतर्राष्ट्रीय चैनलों पर भी प्रसारित न हो पाए। राजनाथ ने कहा कि गृह मंत्रालय की तरफ से 24 जुलाई, 2013 को तिहाड़ में मौजूद महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों के साक्षात्कार की शूटिग के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। इसके बाद जेल प्रशासन ने शूटिग की मंजूरी दी, लेकिन सामाजिक उद्देश्य और बिना किसी व्यावसायिक हित वाले शोध पत्र के जारी करने या वृत्त चित्र के प्रसारण से पहले जेल प्रशासन से मंजूरी की शर्त भी रखी गई थी। अन्य शर्त यह थी कि कैदी की लिखित सहमति पर ही साक्षात्कार लिया जाएगा और बिना संपादित वीडियो को तिहाड़ जेल परिसर में जेल प्रशासन को दिखाया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा, “इस वृत्तचित्र में निर्भया कांड के एक दोषी को दिखाया गया है। जेल प्रशासन की जानकारी में यह बात आई कि शर्त का उल्लंघन किया गया है। इसके बाद सात अप्रैल, 2014 को कानूनी नोटिस दिया गया।” मंत्री ने कहा कि वृत्तचित्र निर्माता से बिना संपादित वीडियो मांगे गए और इसे न दिखाए जाने की मांग की गई। गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात एक 23 वर्षीय छात्रा के साथ दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह आतताइयों ने मिलकर दुष्कर्म किया था। वह फिल्म देखने के बाद रात को अपने एक दोस्त के साथ वापस घर लौट रही थी। उसके दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी और दोनों को सड़क पर मरणासन्न अवस्था में फेंक दिया गया था। घटना में बुरी तरह घायल हुई छात्रा की 13 दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। घटना के एक दोषी मुकेश सिंह का वृत्तचित्र में साक्षात्कार लिया गया है। मुकेश के अतिरिक्त तीन अन्य को मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें मृत्युदंड सुनाया गया है।
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बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप
बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।
हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।
कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज
इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।
वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।
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