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बिजनेस

विदेशी संकेतों, घरेलू वजहों से शेयरों में रहेगा उतार-चढ़ाव

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नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)| वैश्विक व्यापार जंग की आशंका और अमेरिका और ब्रिटेन में जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों के बीच अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाजारों से मिलने वाले संकेतों से इस हफ्ते घरेलू शेयर बाजार की चाल तय होगी।

सप्ताह के अंतिम दो दिन छुट्टियां पड़ने से कारोबारी सप्ताह छोटा होगा। इसके अलावा, मार्च महीने में फ्यूचर्स व ऑप्शंस की समाप्ति समेत कतिपय घरेलू कारणों से भारतीय शेयरों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रह सकता है। बीते सप्ताह टैरिफ के मसले पर दुनिया के दो बड़े व्यापारिक साझेदारों के बीच आपसी हितों को लेकर तनातनी के कारण दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट रही और इस सप्ताह भी अस्थिरता रहने की संभावना है, क्योंकि अमेरिका और चीन के शुल्क विवाद से वैश्विक व्यापार जंग के आगाज की आशंका बनी हुई है। डॉलर के विरुद्ध रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का भी भारतीय शेयरों पर असर रहेगा। पिछले हफ्ते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली।

मार्च में समाप्त होने वाले फ्यूचर्स और ऑप्शंस (एफएंडओ), अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के आर्थिक आंकड़ों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की दिलचस्पी का भी घरेलू शेयर बाजार पर असर पड़ेगा।

कारोबारी सप्ताह छोटा होगा, क्योंकि गुरुवार को महावीर जयंती है तो 30 मार्च को गुड फ्राइडे जिससे कारोबारी सप्ताह महज तीन दिनों का होगा।

साथ ही, एफ एंड ओ सेगमेंट मार्च महीने केी समाप्ति के बाद अप्रैल 2018 अनुबंध की शुरुआत होगी। लेमन ट्री होटल का आईपीओ 26 मार्च को आने वाला है और यह 28 मार्च को बंद होगा। आईपीओ की कीमतें 54-56 रुपये प्रति शेयर है।

इस सप्ताह जारी होने वाले घरेलू व विदेशी आर्थिक आंकड़ों का भी असर शेयर बाजारों पर होगा। सरकार चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 11 महीने में राजकोषीय घाटे के आंकड़े जारी कर सकती है। वहीं अमेरिका में अंतिम तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े आने वाले हैं।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स कारोबारी सप्ताह के अंत में शुक्रवार को 409.73 अंकों या 1.24 फीसदी की गिरावट के साथ 32,596.54 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 116.70 अंकों या 1.15 फीसदी की गिरावट के साथ 9,998.05 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह के मुकाबले सेंसेक्स में 579.46 अंक यानी 1.75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जबकि निफ्टी में 197.10 अंक यानी 1.93 फीसदी की कमजोरी रही।

अमेरिका ने चीन पर प्रौद्योगिकी चोरी का इल्जाम लगाते हुए गुरुवार को चीनी वस्तुओं के आयात पर 60 अरब डॉलर का शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की। इसपर पलटवार करते हुए चीन ने भी शुक्रवार को अमेरिकी वस्तुओं के आयात पर तीन अरब डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा कर दी।

उधर, उद्योग संगठन एसोचैम ने संभावित वैश्विक व्यापार-संग्राम से भारत की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होने की आशंका जताई है। एसोचैम के मुताबिक, आयात शुल्क को लेकर शुरू हुई लड़ाई अगर पूरी तरह व्यापारिक संग्राम का रूप लेती है तो भारत पर भी इसका समानांतर असर होगा और देश का निर्यात प्रभावित होने के साथ-साथ चालू खाते के घाटे पर दबाव रहेगा और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घट जाएगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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