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प्रादेशिक

त्रिपुरा बिजली परियोजना के लिए विश्व बैंक से सहायता

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अगरतला| पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में बिजली क्षेत्र में अवसंरचना तैयार करने के लिए विश्व बैंक 1,376 करोड़ रुपये की सहायता देगा। यह जानकारी बुधवार को एक अधिकारी ने यहां दी। सरकारी कंपनी पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) राज्य में विश्व बैंक की सहायता से चलने वाली परियोजना का कार्यान्वयन करेगी।

त्रिपुरा बिजली विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “पीजीसीआईएल, विश्व बैंक, केंद्रीय बिजली प्राधिकरण, त्रिपुरा राज्य बिजली निगम और त्रिपुरा बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक 13 मार्च को यहां होगी।”

बैठक में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और बिजली मंत्री माणिक डे भी मौजूद रहेंगे।

अधिकारी ने बताया, “1,376 करोड़ रुपये की यह परियोजना असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और त्रिपुरा से संबंधित 8,150 करोड़ रुपये की ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र बिजली प्रणाली, सुधार परियोजना’ का एक हिस्सा है।”

अधिकारी ने बताया कि यह परियोजना 2015-16 में कार्यान्वित की जाएगी।

पीजीसीआईएल और विश्व बैंक के अधिकारियों ने पहले वार्ता की है और ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र बिजली प्रणाली, सुधार परियोजना’ के कार्यान्वयन के लिए असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड तथा त्रिपुरा में बिजली पारेषण की स्थिति पर अध्ययन किया है।

अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल में 200 करोड़ रुपये की लागत से पायलट आधार पर पूरे देश के 14 शहरों में एक नई ‘स्मार्ट ग्रिड परियोजना’ (एसजीपी) को अंजाम देने का फैसला किया है। 14 शहरों में अगरतला भी है।

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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