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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका : भारतवंशी बर्वे लड़ेंगे प्रतिनिधि सभा का चुनाव

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वाशिंगटन| अमेरिका में भारतवंशी डेमोक्रेट नेता कुमार बर्वे 2016 में प्रतिनिधि सभा के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे। बर्वे पिछले 24 साल से मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलिगेट्स के सदस्य हैं।

‘वाशिंगटन पोस्ट’ समाचार पत्र की वेबसाइट के अनुसार, वह डेमोक्रेट क्रिस वान होलेन द्वारा रिक्त की जाने वाली प्रतिनिधि सभा की सीट के लिए चुनाव लड़ेंगे।

अगर वह निर्वाचित होते हैं, तो वह दलीप सिंह सौंद, बॉबी जिंदल और एमी बेरा के बाद प्रतिनिधि सभा में चौथे भारतवंशी अमेरिकी नागरिक होंगे।

बर्वे ने अपने समर्थकों को किए ई-मेल में लिखा, “मैं मध्य वर्ग के आर्थिक विकास और उनके अधिकार के लिए लड़ने के अपने अनुभव का इस्तेमाल संघीय स्तर पर करने के लिए तैयार हूं।”

वान होलन ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि वह 2016 में चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह फैसला डेमोक्रेट सीनेटर बारबरा मिकुल्सकी के 2016 में सेवानिवृत्त होने की घोषणा करने के बाद किया था।

वान होलन मैरीलैंड के आठवें कांग्रेसी जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें मोंटगोमरी, फ्रेडरिक और कैरोल काउंटी का हिस्सा शामिल है।

समाचार पत्र के मुताबिक, हालांकि कई प्रमुख डेमोक्रेट नेताओं ने वान होलन की सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन बर्वे पहले डेमोक्रेट हैं, जिन्होंने औपचारिक रूप से इसकी घोषणा की है।

बर्वे (56) इस वक्त हाउस की पर्यावरण एवं परिवहन कमेटी के अध्यक्ष हैं। बर्वे का मैरीलैंड में काम मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवा और उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहा है। उन्होंने 1995 के हेल्थ एक्सेस एक्ट और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कार्पोरेशन ऑफ मैरीलैंड से संबंधित विधेयक का समर्थन किया था।

बर्वे पेशे से अकाउंटेंट और एनवायरमेंटल मैनेजमेंट सर्विसेज इंक में मुख्य वित्तीय अधिकारी रह चुके हैं।

उन्हें संभवत: वान होलन की सीट पर कई डेमोक्रेट सदस्यों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ सकती है, क्योंकि कई अन्य डेमोक्रेट नेताओं ने भी इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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