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लाइफ स्टाइल

किसी लड़की को मां ही बनाती है बुद्धिम

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लंदन| माताएं बातचीत के दौरान बेटे के बजाय बेटी से ज्यादा भावनात्मक रूप से घुली-मिली होती हैं और इस प्रक्रिया में लड़कों की अपेक्षा लड़कियां भावनात्मक रूप से ज्यादा बुद्धिमान होकर निखरती हैं। यह खुलासा एक नए शोध में किया गया है। शोध में कहा गया कि माताएं, पिता की तुलना में अधिक भावनात्मक शब्दों का इस्तेमाल करती हैं, और इस तरह वह अनजाने में अपने बच्चों में लैंगिक रूढ़ियों को मजबूत कर रही होती हैं।

ब्रिटेन की सरे विश्वविद्यालय की हेरिएट तेनेनबॉम ने बताया, “हमारे शोध में सामने आया कि माता-पिता और बच्चे की बातचीत लिंगभेदी होती है। साथ ही शोध में पता चला कि मां अपने लड़कों की तुलना में लड़की से ज्यादा खुलकर बात करती है।”

इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने स्पेन के 65 अभिभावकों और उनके चार और छह साल के बच्चों को कहानी कहते हुए कार्य करने और अतीत के अनुभवों पर बातचीत करने के लिए कहा था।

इसमें शोधकर्ताओं ने उनकी भाषा और भावनात्मक शब्दों के इस्तेमाल की जांच की।

शोध में पाया गया कि लड़कियों ने लड़कों की तुलना में खुशी, दुख और चिंता जैसे अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों के साथ भावनात्मक साक्षरता का उच्चस्तर प्रदर्शित किया।

यह शोध विकासात्मक मनोविज्ञान के ब्रिटिश जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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