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जन तक नायक के पहुंचने की अच्‍छी पहल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आकाशवाणी, विभिन्नी मुद्दों पर संवाद स्थासपित करना, लैंड बिल पर फैली गलतफहमी, लोकतंत्र में संवादहीनता, पीएमओ की वेबसाइट, संसद में बहस

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नई दिल्‍ली। गलतफहमी दूरी को जन्‍म देती है जोकि बाद में कई समस्‍याओं का कारण बनती है। लोकतंत्र में संवाद गलतफहमी दूर करने का सबसे अच्‍छा साधन है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आकाशवाणी के माध्‍यम से मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश की जनता से विभिन्‍न मुद्दों पर संवाद स्‍थापित करना एक अच्‍छी पहल है।

इसी क्रम में में प्रधानमंत्री ने आज लैंड बिल पर फैली गलतफहमी को दूर करने का प्रयास किया। उन्‍होंने अपने ढंग से किसानों तक पंहुचने का जो माध्‍यम अपनाया, वह वास्‍तव में सराहनीय है। गलतफहमी कितनी दूर हुई? यह तो बाद में देखने वाली बात होगी लेकिन रेडियो जैसे संवाद स्‍थापित करने के सशक्‍त माध्‍यम का उपयोग कर मोदी ने एक अच्‍छी परंपरा की शुरूआत की है।

लोकतंत्र में संवादहीनता जननायक को जन से दूर कर देती है और जन से दूर हुआ नायक बहुत समय तक नायक नहीं बना रह पाता। देश के विभिन्‍न राज्‍यों को भी इस तरह के मॉडल अपनाने चाहिए ताकि जनता की समस्‍याएं सीधे उनके नेता तक पंहुच सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने इस हाईटेक युग में तकनीक का प्रयोग कर जिस तरह से चुनावी सफलता प्राप्‍त की है, उससे हर कोई वाकिफ है। अब उसी तकनीक का उपयोग कर वह लोगों के बीच अपनी पंहुच बरकारार रखने के लिए कर रहे हैं।

पीएमओ की वेबसाइट के माध्‍यम से जनता द्वारा समस्‍याओं के निदान के लिए मांगे गए सुझाव भी इसी क्रम की एक कड़ी हैं। अच्‍छा हो यदि सुझावों पर लगातार अमल भी होता रहे।

लैंड बिल को लेकर जो गलतफहमियां फैलीं या यूं कहिए फैलाई गईं, उससे एक बात तो साफ है कि कुछ लोग आज भी हैं जो देश का चहुमंखी विकास न चाहकर सिर्फ अपने नि‍हित स्‍वार्थों की चिंता करते हैं। जनता को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए और वास्‍तविकता से अवगत होकर उन्‍हें कड़ा सबक सिखाना चाहिए।

कहते हैं कोई भी व्‍यक्ति पूर्ण नहीं होता क्‍योंकि मान्‍यताओं के मुताबिक पूर्ण तो सिर्फ ईश्‍वर है, इंसान है तो उसमें कोई न कोई कमी जरूर होगी लेकिन कुछ कमियां ऐसी होती हैं जिन्‍हें नजरअंदाज करना मुश्किल होता है और कुछ को नजरअंदाज किया जा सकता है। देश की जनता को आज इसी पैमाने की जरूरत है।

लैंड बिल पर विपक्ष द्वारा संसद में बहस न कर सड़क पर उतरने की रणनीति कहीं से भी सही नहीं ठहरायी जा सकती। ऐसे मसलों का समाधान सड़क पर नहीं संसद में होता है और वो भी जब संसद चल रही हो तो सड़क पर उतरना किसी भी लिहाज से सही नहीं ठहराया जा सकता। सिर्फ अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन प्राप्‍त करने के लिए जनता को किसी मुद्दे पर गुमराह करना विपक्षी दलों के लिए घातक हो सकता है।

वैसे सरकार को भी विपक्ष को विश्‍वास में लेने का पूरा प्रयास करना चाहिए क्‍योंकि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका भी कम नहीं आंकी जा सकती। जनता सिर्फ पांच सालों के लिए सत्‍ता सौंपती है। उम्‍मीद की जा सकती है कि लैंड बिल पर जनता की आपत्तियों को सरकार समझेगी और उचित बदलाव के साथ लैंड बिल पारित होकर कानून की शक्‍ल ले सकेगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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